फुलवरिया डैम में वाटर प्लांट स्थापित करने से किसानों को होगी परेशानी
नवादा। प्रखंड के हरदिया स्थित फुलवरिया डैम में वाटर प्लांट स्थापित करने से आने वाले समय में
नवादा। प्रखंड के हरदिया स्थित फुलवरिया डैम में वाटर प्लांट स्थापित करने से आने वाले समय में किसानों को भारी परेशानी होगी। वर्षों से डैम में पानी की कमी से क्षेत्र की ¨सचाई पहले से ही काफी प्रभावित है। इतना ही नहीं पानी की कमी के कारण ही अबतक रजौली में परमाणु ऊर्जा घर की स्थापना नहीं हो सकी है। राज्य सरकार द्वारा शुद्ध पेयजलापूर्ति के लिए डैम में वाटर प्लांट स्थापित किये जाने से क्षेत्र के किसानों में नाराजगी दिख रही है। हालांकि वाटर प्लांट स्थापित होने से क्षेत्र के हजारों लोगों को पीने के लिए स्वच्छ व शुद्ध पानी मिलेगी। लेकिन किसानों की खेती प्रभावित होने से कृषि पर आधारित क्षेत्र के लोगों को काफी नुकसान भी झेलना पड़ेगा।
फुलवरिया डैम की पानी की स्टोर क्षमता 583.5 स्क्वायर फीट है, लेकिन वर्तमान समय में डैम का पानी का घटकर काफी नीचे चला गया है। जिसके कारण डैम के दोनों किनारे से निकलने वाले केनाल में छह माह से पानी आना बंद हो गया है। आलम ये कि किसानों के एक फसल रबी को नुकसान झेलना पड़ा है। इतना ही नहीं डैम के पश्चिमी किनारे पर लगे स्केल व का गेट भी पानी की कमी से बेकार साबित हो रहा है। पानी का इतना जलस्तर गिरने के बाद भी उसी डैम में वाटर प्लांट स्थापित करना समझ से परे की बात है। जिस जगह पर वाटर प्लांट स्थापित की जा रही है। वहां पर पानी इतना कम है कि पानी में खड़ा नाव भी पानी की कमी से डूब नहीं पा रहा है। हरदिया पंचायत में विश्व बैंक के सहयोग से ¨जदल कंपनी द्वारा बहुउद्देशीय ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना से स्थापित की जा रही 2000 केएल से ज्यादा क्षमता वाले इस वाटर टैंक का निर्माण विगत एक महीने से जारी है। इतनी मात्रा में पानी की सप्लाई के लिए प्लांट स्थापित करने से डैम की स्थिति और खराब होगी। विदित हो कि सन 1984 में कर्पूरी ठाकुर के कार्यकाल में हरदिया पंचायत के 22 गांवों ¨सगर, चिरैला, कमात, बिगहा, रनिमास, कुम्भियातरी, परतौनिया, पीपरा, झरकी-विशनपुर, कोसदरिया आदि गांवों के लोगों को विस्थापित कर ¨सचाई के लिए हरदिया डैम को बांधा गया था। रजौली, सिरदला, नरहट व हिसुआ सहित चार प्रखंड के क्षेत्रों में किसानों को ¨सचाई की सुविधा मुहैया कराने के लिए हरदिया डैम का निर्माण हुआ था। लेकिन पानी की कमी से वर्तमान समय में चारों प्रखंडों की ¨सचाई बुरी तरह प्रभावित है। कई बार डैम की जर्जर स्थिति के बारे में विभाग को जानकारी दी गई। लेकिन विभाग ने इस पर विशेष ध्यान नहीं दिया।
कहते हैं अधिकारी
वाटर प्लांट के लिए जगह उपलब्ध नहीं रहने के कारण हरदिया डैम में वाटर प्लांट स्थापित करने का राज्य सरकार ने निर्णय लिया है। वाटर प्लांट स्थापित होने के बावजूद भी जलस्तर में कोई विशेष अंतर नहीं होगा। संबंधित क्षेत्रों की ¨सचाई पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। किसानों को इससे घबराने की जरुरत नहीं है। जिस पानी की बर्बादी हो रही है उसी पानी का इस्तेमाल कर वाटर प्लांट का काम होगा।
रामजी प्रसाद, सहायक अभियंता, पीएचईडी, रजौली।