Nawada News: जांच के घेरे में नवादा का स्वास्थ्य महकमा, लग रहे गंभीर आरोप
Nawada News नवादा जिले का स्वास्थ्य महकमा जांच के दायरे में है। दो जांच टीमों ने नवादा सदर अस्पताल का दौरा किया जिसमें चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति स्थानांतरण और जांच मशीनों के क्रय मामले की जांच की गई। निर्दलीय विधान परिषद सदस्य अशोक कुमार ने सिविल सर्जन के खिलाफ शिकायत की थी। जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट विभाग को सौंपी है।
मनमोहन कृष्ण, नवादा। Nawada News: नवादा जिले का स्वास्थ्य महकमा जांच के कटघरे में है। बार-बार प्रदेश स्तर की गठित जांच समिति नवादा सदर अस्पताल का दौरा कर रही है। कभी चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति और स्थानांतरण का मामला जांच के दायरे में है, तो कभी जांच मशीनों के क्रय मामले की पड़ताल हो रही है।
पखवारे भर में प्रदेश स्तर की दो-दो जांच टीम नवादा सदर अस्पताल में जांच के लिए पहुंच चुकी है। बिहार सरकार के विभिन्न विभाग से लेकर विधान परिषद तक नवादा स्वास्थ्य महकमे की शिकायत गूंज चुकी है।
नवादा से निर्दलीय विधान परिषद सदस्य अशोक कुमार ने तारांकित प्रश्न के माध्यम से नवादा सिविल सर्जन द्वारा बिना विभागीय अनुमति प्राप्त किए चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति व स्थानांतरण संबंधी मामला सदन में उठाया।
जिसके बाद चार अप्रैल को स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव शैलेश कुमार की अध्यक्षता में त्रिस्तरीय जांच समिति नवादा पहुंची। इनमें स्वास्थ्य सेवाएं के अपर निदेशक डा. विश्वेश्वर प्रसाद और डा. संस्कृति सिन्हा बरियार शामिल रही। जांच के बाद समिति को अपनी रिपोर्ट विभाग को देने का निर्देश है।
कुछ ही दिन बाद सात अप्रैल को स्वास्थ्य विभाग के ओएसडी आनन्द प्रकाश, स्वास्थ्य विभाग के उप सचिव दिनेश झा तथा सहायक आंतरिक वित्तीय सलाहकार गौतम कुमार जांच के लिए पहुंचे और एचबीए1सी एनालाईजर एवं टेस्ट स्ट्रिप्स की खरीदगी मामले की जांच की। इस बीच सदर अस्पताल में तैनात सिक्योरिटी गार्ड के वेतन भुगतान का मामला भी गरमाया रहा।
ग्लाईकोसाईलेटेड हीमोग्लोबिन टेस्टिंग मशीन खरीदारी में अनियमितता का आरोप
राजधानी पटना में स्वास्थ्य विभाग के विभागीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के पास सिविल सर्जन सह जिला स्वास्थ्य समिति की सदस्य सचिव के विरूद्ध ग्लाईकोसाईलेटेड हीमोग्लोबिन टेस्टिंग मशीन की खरीदारी में अनियमितता बरतने संबंधी शिकायत दर्ज करायी गई।
मामले की सुनवाई नौ अप्रैल को विभागीय पदाधिकारी के समक्ष प्रारंभ हुई, जो अभी लंबित है। शिकायतकर्ता ने वर्णित प्रविधान के तहत मशीन क्रय करके स्वास्थ्य महकमे के केन्द्रीय औषधि भंडार को उपलब्ध कराया। लेकिन सिविल सर्जन द्वारा निविदा को ही रद्द कर दिया गया। जिसके बाद शिकायतकर्ता ने बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत परिवाद दर्ज कराया है।
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