जागरण संवाददाता, नवादा। वारिसलीगंज प्रखंड की हाजीपुर पंचायत के मय-खैरा गांव का सम्पर्क पथ अत्यंत जर्जर हो चुका है। यह पथ छोटे-बड़े आठ गांवों की आबादी को जिला एवं प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने का एकमात्र साधन है, जो बाघी बरडीहा-बरबीघा एसएच 83 तक पहुंचता है।
बिहार सरकार ग्रामीण सड़कों के सुधार का दावा करती है, लेकिन हाजीपुर पंचायत और काशीचक प्रखंड की कई सड़कों की स्थिति अभी भी दयनीय है, जिससे ग्रामीणों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
दैनिक जागरण के ग्रामीण सड़कों का हाल अभियान के तहत शनिवार को वारिसलीगंज और काशीचक प्रखंडों की सड़कों का निरीक्षण किया गया।
महेशपुर-अनयपर पथ सहित कई अन्य सड़कें जर्जर
मय-खैरा गांव को एसएच-83 से जोड़ने वाली सड़क, मकनपुर पंचायत की कोल्हा बीघा की कच्ची सड़क, और काशीचक प्रखंड के महेशपुर-अनयपर पथ सहित कई अन्य सड़कें जर्जर हो चुकी हैं।
गर्मियों में धूल उड़ती है और बरसात में पैदल चलना मुश्किल हो जाता है। मय-खैरा पथ की लंबाई लगभग चार किलोमीटर है, जो मय, खैरा, बेलदारी, महदेवा, बढ़नपुर, पोखरपुर, मोतालिफचक और धनकौल गांवों को जोड़ती है।
हालांकि, इस सड़क पर केजी रेलखंड पर कोई क्रासिंग नहीं है, जिससे आवागमन में कठिनाई होती है। रेलवे ने इन गांवों के लिए रेल अंडर पास निर्माण का प्रस्ताव रखा है।
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