42 दिन बार फिर गुलजार हुआ 'बिहार का कश्मीर', सैलानियों के लिए खुला ककोलत वाटरफॉल
बिहार का कश्मीर कहे जाने वाला ककोलत जलप्रपात 42 दिन बाद पर्यटकों के लिए खुल गया है। भारी बारिश के कारण इसे बंद किया गया था। मरम्मत के बाद खुले ककोलत में पहले दिन कम पर्यटक पहुंचे। कुंड में स्नान पर अभी रोक है लेकिन पर्यटक झरने तक घूम सकते हैं। सुविधाओं की मरम्मत की गई है।

बीते 8 अगस्त को क्षेत्र में हुई अतिवृष्टि और झरना के जल प्रवाह में तेज प्रवाह के बाद सुरक्षा कारणों से ककोलत को बंद कर दिया गया था। इसके बाद यहां निरंतर जीर्णोद्धार कार्य हो रहा था।
ककोलत के खुलने के पहले दिन बहुत ही कम संख्या में सैलानी वहां पहुंचे, जबकि सामान्य दिनों में वहां सैंकड़ों से हजारों तक भीड़ जुटती है। मई-जून के महीने में जब गर्मी प्रचंड रहती है, तो एक दिन में 12 से 15 हजार तक लोग वहां पहुंचते हैं।
जानकारी के अनुसार, लंबे अंतराल तक बंद रहने के बाद खुलने के पहले दिन काफी सैलानी ककोलत में आनंद उठाने पहुंचे। जिला वन प्रमंडल पदाधिकारी कृष्ण कुमार श्रेष्ठ ने बताया कि सैलानियों की सुविधा के लिए जो नुकसान हुआ था उसकी मरम्मत करा दी गई है।
बताया गया कि अभी फिलहाल यहां जो भी सैलानी पहुंचेंगे वह सीढ़ी के पास नीचे में जो कुंड बना है उसमें स्नान कर पाएंगे। ऊपर ककोलत झरना तक घूमने के लिए जा सकेंगे, लेकिन मुख्य झरना, कुंड में स्नान करने पर रोक रहेगी।
जलप्रवाह तेज होने से बड़े-बड़े पत्थर व गाद गिरने से प्राकृतिक कुंड व इसके आसपास नुकसान हुआ था। बीते अगस्त में अधिक वर्षा से ककोलत में जल प्रवाह बढ़ जाने से ऊपर पहाड़ की चोटी से पानी के साथ बड़े-बड़े पत्थर व गाद नीचे गिरे थे। इससे वहां प्राकृतिक कुंड को नुकसान हुआ था।
सबसे ज्यादा नुकसान झरना कुंड का हुआ था, जहां ढलाई टूट कर छड़ निकल आया था। सेल्फी प्वाइंट के पास और सीढ़ियों को भी नुकसान हुआ था। ककोलत परिसर की सड़क भी जगह-जगह टूट गई थी। इन सबकी मरम्मत करा दी गई है।
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