इंसान का पहला धर्म है इंसानियत: प्रेमचंद
नवादा। इंसान का पहला धर्म इंसानियत होता है। इंसानियत का पन्ना खुलने के बाद ही गीता व कुरान क
नवादा। इंसान का पहला धर्म इंसानियत होता है। इंसानियत का पन्ना खुलने के बाद ही गीता व कुरान का पन्ना खुलता है। इसलिए पहले मनुष्य को इंसान बनना चाहिए। इंसान बने तो आप खुद भगवान के करीब हो जाएंगें। इंसान बनने का ज्ञान गुरु से प्राप्त होता है अत: पहले गुरू को समझें खुद भगवान मिल जाएंगें। उपरोक्त बातें रविवार को नगर भवन में ठाकुर अनुकूल चंद जी के 130 वें जन्मोत्सव के अवसर पर आयोजित सत्संग समारोह को संबोधित करते हुए ऋत्विक प्रेमचंद साव दा ने कही।
समारोह को संबोधित करते हुए त्रत्विक जमुना दा ने कहा कि आत्मा व परमात्मा को जानने के लिए गुरु को जानना आवश्यक है। सभी धर्मों में गुरु को ही सर्वोपरी माना गया है। इसके लिए अच्छे व ज्ञानी गुरु होना आवश्यक है। ठाकुर जी ने सच्चा इंसान बनने के लिए जो मार्ग दिखाया वह आज के समय में भी अनुकरणीय है। उन्होंने सत्संग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अच्छे सत्संग से ही आप अच्छे इंसान बन सकते हैं। जिसकी जैसी संगति रहेगी वह वैसा ही बनेगा। इसके पूर्व नगर भवन से भव्य शोभा यात्रा निकाली गई, जो संपूर्ण नगर का भ्रमण करते हुए पुन: नगर भवन पहुंच सत्संग समारोह में परिवर्तित हो गया।
इसके पूर्व भजन का आयोजन किया गया। भजन के बोल ठाकुर जी तूने ऐसा रास रचायो..के साथ ही तुम बीन प्रभु कौन पार लगाये.., जय राधे राधे, कृष्ण-कृष्ण बोल आदि की स्वर लहरियां गूंजी तो उपस्थित लोग झूम उठे। देर शाम युवा मंच के अध्यक्ष जतिन कुमार की अध्यक्षता में युवा सम्मेलन का आयोजन किया गया। जबकि देर रात सृजन आर्ट्स के निदेशक वी.एस पाठक के निर्देशन में संगीत जागरण का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की सफलता में पंकज ¨सहा, अजय चौरसिया, अनुज दास, सन्नी राज, ओप्रकाश लाल, राजेन्द्र चौधरी, तरूण चौरसिया, ऋषि चौरसिया, उपेन्द्र पंडित, रंजीत दास ने प्रमुख भूमिका निभाई।
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