भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने में केंचुआ खाद की भूमिका अहम : प्रभाकर
कृषि विज्ञान केंद्र ग्राम निर्माण मंडल सर्वोदय आश्रम सेखोदेवरा में बुधवार को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत केंचुआ खाद उत्पादक
कृषि विज्ञान केंद्र, ग्राम निर्माण मंडल सर्वोदय आश्रम सेखोदेवरा में बुधवार को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत केंचुआ खाद उत्पादक विषयक 240 घंटे का प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई। प्रशिक्षण की शुरुआत ग्राम निर्माण मंडल के अध्यक्ष प्रभाकर कुमार एवं प्रधानमंत्री अरविद कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। 30 दिनों तक चलने वाले इस आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में नवादा, नालंदा, जमुई समेत विभिन्न जिले के 30 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं।
ग्राम निर्माण मंडल के अध्यक्ष प्रभाकर कुमार ने कहा कि रासायनिक खाद के लगातार प्रयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति नष्ट होती जा रही है और भूमि बंजर बनती जा रही है। पौधों के संपूर्ण विकास, मृदा स्वास्थ्य तथा पर्यावरण की दृष्टिकोण से केंचुआ खाद एक सरल तथा सटीक विकल्प है। किसान कृषि अपशिष्ट पदार्थ व गोबर का प्रयोग कर केचुआ पालन कर सकते हैं। ग्राम निर्माण मंडल के प्रधानमंत्री अरविद कुमार ने कहा कि वर्मी कंपोस्ट खाद से किसान भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के साथ पैदावार भी बढ़ा सकते हैं। वर्मी कंपोस्ट भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने में सहायक होता है। इस खाद को बनाने में केचुओं का योगदान अहम है। यह स्वरोजगार व पर्यावरण संतुलन के लिए उपयुक्त होगा। किसान केंचुआ का पालन कर अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं। केवीके के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ. रंजन कुमार सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण का मुख्य लक्ष्य किसानों के ज्ञान, कौशल व दक्षता में बदलाव लाकर केंचुआ खाद बनाने की विधि से उत्पादन में वृद्धि कर सफल उद्यमी बनाना है। केवीके के वैज्ञानिक कल्पना सिन्हा ने कहा कि जैविक खाद का उपयोग वर्तमान समय की मांग है, इसमें सभी की भागीदारी होनी चाहिए। कार्यक्रम के कोर्स को-ऑर्डिनेटर डॉ. जयवंत कुमार सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को केंचुआ खाद बनाने एवं उसके प्रयोग के बारे में विस्तृत रूप से बताया जाएगा। मौके पर केवीके के डॉ. धनंजय कुमार, निरंजन सिंह, अनिल कुमार, सुमिताप रंजन, निशांत कुमार, नीलम कुमारी, पिटू पासवान आदि मौजूद थे।
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