Kakolat Waterfall: ककोलत जलप्रपात में बढ़ा पानी का बहाव, सुरक्षा कारणों से सैलानियों के जाने पर रोक
करीब 60 फीट पहाड़ी की ऊंचाई से तेज पानी बहाव के साथ बड़े-बड़े पत्थर बालू गाद आदि गिरने से पूरा कुंड भर गया है। सेल्फी प्वाइंट को भी क्षति पहुंची है। ककोलत झरना महावर पहाड़ी से जुड़ा हुआ है। यह पहाड़ झारखंड के हजारीबाग कोडरमा की पर्वत श्रृंखलाओं से जुड़ा हुआ है।

विनय कुमार, गोविंदपुर(नवादा)। नवादा जिले के गोविंदपुर प्रखण्ड अंतर्गत ककोलत जलप्रपात में जलप्रवाह अत्यधिक तेज होने के बाद वहां कुंड समेत झरना परिसर को नुकसान पहुंचा है। करीब 60 फीट पहाड़ी की ऊंचाई से तेज पानी बहाव के साथ बड़े-बड़े पत्थर, बालू, गाद आदि गिरने से पूरा कुंड भर गया है। सेल्फी प्वाइंट को भी क्षति पहुंची है। ककोलत झरना महावर पहाड़ी से जुड़ा हुआ है। यह पहाड़ झारखंड के हजारीबाग, कोडरमा की पर्वत श्रृंखलाओं से जुड़ा हुआ है।
पर्वत की चोटी से ठंडा पानी जल धारा के रूप में ककोलत में गिरती है। इस जल धारा में स्नान कर सैलानी आनंदित होते हैं। यह पूरा इलाका प्राकृतिक रूप से मनमोहक है। यही कारण है बिहार, झारखंड समेत देश भर से सैलानी यहां प्राकृतिक वादियों का लुत्फ उठाने यहां पहुंचते हैं। सुरक्षा कारणों से फिलहाल ककोलत में सैलानियों के जाने पर रोक लगा दी गयी है। जिला वन प्रमंडल पदाधिकारी श्रेष्ठ कृष्ण ने कहा कि ककोलत जल प्रपात में हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। फिलहाल वहां किसी के भी जाने की मनाही है।
बता दें कि झारखंड के पहाड़ी इलाकों में अक्सर तेज वर्षा होने के बाद ककोलत में जल प्रवाह खतरनाक रूप अख्तियार कर लेती है। ककोलत में पूर्व में भी इस तरह के हालात कई बार बनते रहे हैं। इस साल कई बार ककलोत को बंद करना पड़ा है। हर बार जल प्रवाह तेज होते ही सुरक्षा कारणों से वहां सैलानियों के पहुंचने पर रोक लगा दी जाती है। ककोलत जलप्रपात में जीर्णोद्धार विकास का कार्य पिछले साल ही पूरा किया गया था। तब करीब 16 करोड़ की राशि से पूरे ककोलत जलप्रपात का जीर्णोद्धार किया गया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वहां हुए जीर्णोद्धार कार्य का लोकार्पण किया था। जिसके बाद इस साल गर्मी के सीजन में औसतन हर दिन 10 से 15 हजार लोगों की भीड़ ककोलत में जुट रही थी। अनुमान है कि अगले आदेश तक तक ककोलत बंद रहेगा। ककोलत कुंड व इसके पास जमा हुए पत्थर, मलवा हटाने के बाद ही अधिकारी द्वारा हरी झंडी दिए जाने के बाद इसे आम लोगों के लिए खोला जाएगा।
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