Bihar News: 1 रुपये भेजते ही खाते से उड़ गए हजारों, 'किसान सम्मान निधि' के नाम पर साइबर ठग लगा रहे चूना
विधानसभा चुनाव के दौरान साइबर ठग सक्रिय हो गए हैं, जो 'किसान सम्मान निधि योजना' के नाम पर नए मतदाताओं और ग्रामीणों को निशाना बना रहे हैं। ठग ग्राम सेवक बनकर फोन करते हैं और खाते में 12,500 रुपये की किस्त आने की बात कहते हैं। वे खाते को एक्टिवेट करने के लिए 1 रुपये भेजने को कहते हैं, जिसके बाद वे बैंक खाते की जानकारी लेकर पैसे निकाल लेते हैं।
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)
संवाद सूत्र, रजौली। विधानसभा चुनाव के मौसम में जहां नए मतदाताओं में मतदान को लेकर उत्साह देखा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर साइबर ठग भी सक्रिय हो गए हैं। ये ठग अब किसान सम्मान निधि योजना का लालच देकर भोले-भाले ग्रामीणों और नए मतदाताओं को अपने जाल में फंसा रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, रजौली प्रखंड के कई गांवों में अंजना कुमारी और ऋचा कुमारी नाम की महिलाओं के मोबाइल पर फोन आया। कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को ग्राम सेवक बताया और कहा कि आपके खाते में किसान सम्मान निधि की अगली किस्त ₹12,500 आ गई है, लेकिन उसे एक्टिव करने के लिए 1 रुपये भेजना होगा।
जब पीड़ितों ने पूछा कि कैसे भेजें, तो ठग ने चालाकी से कहा कि गूगल पे या फोन पे से भेज दीजिए, सिस्टम से लिंक कर दूंगा।
कुछ लोगों ने झांसे में आकर 1 रुपये भेज दिया। इसी दौरान ठग ने तकनीकी तरीके से उनके पूरे बैंक अकाउंट की जानकारी हासिल कर ली और खाते से रकम निकाल ली।
कई ग्रामीणों ने बताया कि जैसे ही उन्होंने ठग को 1 रुपये भेजा, उनके खाते से तुरंत 5000 से 10000 रुपये तक गायब हो गया।
फोन करने वाले व्यक्ति की भाषा इतनी सटीक और सरकारी अधिकारी जैसी थी कि सुनने वाला आसानी से भरोसा कर ले। ठग कहता है कि आपका नाम प्रधानमंत्री किसान पोर्टल पर दिख रहा है, बस आपका खाता वेरिफाई करना है, वरना पैसे रुक जाएंगे।
स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। रजौली थाना प्रभारी ने बताया कि ऐसे मामलों में तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। उन्होंने कहा कि किसी भी अनजान व्यक्ति को ओटीपी, बैंक डिटेल या 1 रुपये तक न भेजें, वरना पूरा खाता खाली हो सकता है।
चुनाव के समय जब युवाओं और किसानों के खातों में सरकारी राशि या प्रोत्साहन राशि आने की खबरें चल रही हैं, ऐसे में साइबर ठगों ने इसे ठगी का नया हथियार बना लिया है। प्रशासन ने आम लोगों से अपील की है कि किसी भी योजना से जुड़ी जानकारी केवल आधिकारिक वेबसाइट या स्थानीय कार्यालय से ही प्राप्त करें।

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