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    Bihar Land Survey: वंशावली को लेकर आया नया अपडेट, जमीन मालिकों को अब करना होगा ये भी काम

    Updated: Sun, 08 Sep 2024 02:44 PM (IST)

    बिहार में जमीन सर्वेक्षण का काम तेजी से चल रहा है। ऐसे में बिहार सरकार के निर्देशानुसार चल रहे भूमि सर्वेक्षण के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करना जरूरी है। रैयतों को अपनी जमीन के स्वामित्व के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए स्व-घोषणा पत्र और वंशावली जमा करनी होगी। इस प्रक्रिया से जुड़े सभी पहलुओं को समझने के लिए इस लेख को पढ़ें।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    संवाद सूत्र, नारदीगंज। बिहार सरकार के निर्देशानुसार भूमि सर्वेक्षण का कार्य चल रहा है। जिला बंदोबस्त पदाधिकारी मनोज कुमार ने सभी राजस्व पदाधिकारी व एएसओ को सख्त निर्देश दिया है कि आप सभी क्षेत्रों का भ्रमण करें। लोगों से सम्पर्क कर रैयतों के समस्याओं को समाधान करने के लिए प्रयास करें।

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    हिसुआ व नारदीगंज में शनिवार को भूमि सर्वेक्षण से सम्बंधित बैठक हुई। अध्यक्षता राजस्व पदाधिकारी सह कानूनगो अशोक कुमार झा ने की। उन्होंने कहा कि रैयतों को अपनी जमीन का स्वघोषणा के साथ वंशावली बनाकर जमा करना है,उस घोषणा पत्र में जमीन का पूर्ण ब्यौरा देना होगा।

    रैयतों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। नोटरी या दंडाधिकारी से कोई शपथ पत्र नहीं देना है। सरपंच या कोई भी जनप्रतिनिधियों के हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं है।

    सर्वे में रैयतों को केवल अपनी जमीन का मालिकाना हक से सम्बंधित कागजात का ब्योरा देना है। रैयतों को स्वघोषणा पत्र के साथ स्व वंशावली यानी अपने हाथों से लिखा हुआ वंशावली ही मान्य है।

    प्रपत्र दो में देनी है भूमि का खाता, खेसरा और चौहद्दी

    इस सर्वेक्षण में दो तरह का प्रपत्र जमा लिया जा रहा है,प्रपत्र दो और प्रपत्र तीन (ए) है। प्रपत्र दो में स्वयं की घोषणा के साथ भूमि का खाता, खेसरा, चौहद्दी को भरकर जमा करना है। वहीं प्रपत्र तीन (ए) में स्वघोषणा का वंशावली बनाकर जमा करना है।

    अगर आपकी भूमि बिहार सरकार के नाम से अंकित हो गई है,और आप मालगुजारी दे रहे हैं ,तो उसका साक्ष्य के तौर पर कागजात जमा करना है। भूमि की खरीद की है और मोटेशन नहीं हो पाया है तो, वैसे रैयत भी भूमि से सम्बंधित दस्तावेज की छायाप्रति प्रपत्र के साथ जमा करेंगे। प्रपत्र की अभियुक्ति में अंकित कर देना है।

    वास्तविक स्थिति की जानकारी देने वाले रैयतों को मालिकाना हक बरकरार रहेगा। यह सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य है कि भूमि विवाद का निपटारा किया जाय। पुराने सर्वे को अद्यतन करना है। इसके लिए गांव- गांव जाकर सर्वे टीम लोगों से जनसम्पर्क कर लोगों को जागरूक कर रही है।

    ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों ही तरीके से रैयत दे सकते हैं आवेदन

    अधिकारी की ओर से बताया गया कि सर्वेक्षण के दौरान भूमि से सम्बंधित दस्तावेज को आनलाइन व आफलाइन जमा करने की अपील रैयतों से की जा रही है। ताकि रैयतों को मालिकाना हक मिल सके। अगर कागजात कम है,या आधे अधूरे हैं, तो भी स्वघोषणा से चुकना नहीं है।

    फिलहाल स्वघोषणा पत्र जमा करने की कोई अंतिम तिथि निर्धारित नहीं की गई है। ऐसे में सही तरीके प्रपत्र भरकर आनलाइन व आफलाइन जमा कर सकते हैं। मौके पर सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी आकाश राज समेत अन्य कर्मी व ग्रामीण रहे।