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    Bihar: नालंदा के इस इलाके में दो दशक से फल-फूल रहा साइबर ठगी का धंधा, यौन वर्धक दवाओं से ऐसे शुरू हुआ कारोबार

    By vinay kumar pandeyEdited By: Mohit Tripathi
    Updated: Sun, 24 Sep 2023 12:23 AM (IST)

    Bihar Cyber Crime News नालंदा का कतरीसराय सालों पहले यौन वर्धक दवाईयां चर्म रोग के खात्मे समेत अन्य जटिल रोगों को जड़ से ठीक करने के नाम पर लोगों को डाक के माध्यम से दवाईयां भेज कर ठगने का कार्य किया जाता था। दवाई के नाम पर ठगी के धंधे में लिप्त लोगों द्वारा विभिन्न भाषाओं के जानकारों को रखकर संबंधित डाकघर से सांठगांठ कर धंधे को अंजाम देते थे।

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    Bihar Cyber Crime यौन वर्धक व चर्म रोग की दवाओं से शुरू हुआ धंधा साइबर ठगी तक पहुंचा। (सांकेतिक फोटो)

    Bihar Cyber Crime News । अशोक कुमार, वारिसलीगंज (नवादा): नालंदा का कतरीसराय सालों पहले यौन वर्धक दवाईयां, चर्म रोग के खात्मे समेत अन्य जटिल रोगों को जड़ से ठीक करने के नाम पर लोगों को डाक के माध्यम से दवाईयां भेज कर ठगने का कार्य किया जाता था।

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    दवाई के नाम पर ठगी के धंधे में लिप्त लोगों द्वारा विभिन्न भाषाओं के जानकारों को रखकर संबंधित डाकघर से सांठगांठ कर धंधे को अंजाम देते थे। समयान्तराल धंधा थोड़ा मंद हुआ। तब क्षेत्र के युवाओं ने साइबर ठगी को हथियार बना अपना कारोबार को रफ्तार दिया।

    दो दशक पहले ऐसे शुरू हुआ साइबर अपराध का कारोबार

    दो दशक पहले जब कीपैड मोबाइल फोन प्रचलन में आया, तो चेहरा पहचानो इनाम पाओ, विभिन्न प्रकार के लाटरी जीतने, अक्षर मिलाओ इनाम पाओ जैसे लोकलुभावन विज्ञापन जारी कर ठगने का कार्य शुरू किया गया।

    रुपये ठगने का तकनीक जो दो दशक पहले तक कतरीसराय व उसके इर्द-गिर्द गांवों में फैला था। धीरे धीरे वारिसलीगंज, काशीचक, पकरीबरावां सहित नवादा, शेखपुरा व अन्य जिलों तक पहुंच गया है।

    इलाके के सैकड़ों पढ़े लिखे युवा वर्ग साइबर अपराध में लिप्त होकर कम समय में लाखों, करोड़ों के मालिक बन चुके हैं।

    अपना भविष्य बर्बाद कर रहे होनहार युवा

    वारिसलीगंज की सीमा से सटा शेखपुरा जिले का शेखोपुर सराय, नालंदा के गिरियक, कतरीसराय के छोटे बड़े दर्जनों गांवों के कम पढ़े लिखे और उच्च शिक्षा प्राप्त इंजीनियरिंग, एमबीए ,बीएससी, बीसीए सहित अन्य टेक्निकल शिक्षा प्राप्त कर चुके होनहार युवा अपना भविष्य इस ठगी के धंधे में बर्बाद कर रहे हैं।

    उच्च शिक्षा प्राप्त कर बेरोजगार युवा ठगी को अपना रोजगार बनाकर बड़ा मकान व कई लग्जरी वाहनों के स्वामी बनकर मालामाल हो रहे हैं। यही कारण है कि साइबर अपराध के रास्तों पर चलकर अनेकों युवा अपने सुनहरे सपने को साकार करना चाहते हैं।

    समय के साथ ठगी के तरीकों में होता रहता है बदलाव

    हर ठगी के तकनीक को पुराना होने के बाद बदल देने वाले ठग झारखंड के जामताड़ा की तरह नई- नई तकनीक का उपयोग कर लोगों को ठगने में लगे हुए हैं।

    नौकरी का झांसा देने, पेट्रोल पंप आवंटित कराने, एटीएम या खाता बंद होने की जानकारी देकर व दूसरे तरीके से लोगों से एक बार में लाखों रुपये ठग लेते हैं।

    साल भर से नई तकनीक एटीएम क्लोनिंग, बड़ी बड़ी कंपनियों की एजेंसी देने, ब्रांडेड कंपनी का शो रूम, गैस एजेंसी, पेट्रोल पंप का आवंटन आदि के माध्यम से लोगों को झांसा देकर बैंक खाते में रुपये मंगवाकर गायब हो रहे हैं।

    साइबर बदमाशों के खिलाफ हो रही कार्रवाई: थानाध्यक्ष

    वारिसलीगंज थाना अध्यक्ष आशीष कुमार मिश्रा ने बताया कि क्षेत्र में बढ़ रहे साइबर अपराध को देखते हुए जिले में अलग से साइबर थाना संचालित किया गया है। जबकि, हर थाने में साइबर गिरोह के सफाए को ले साइबर एक्सपर्ट टीम चौकस है। साइबर बदमाशों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जा रही है।

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