जेल ब्रेक कांड में पिंटू को उम्रकैद

नवादा : चर्चित जेल ब्रेक कांड में 12 साल बाद अदालत ने कुख्यात पिंटू महतो को आजीवन कारावास व अर्थ दंड की सजा सुनाई। इसी कांड में अपराधी सरगना अशोक महतो को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
बता दें कि 23 दिसम्बर 01 की सुबह 20-25 की संख्या में रहे हथियारबंद अपराधी टाटा 407 पर सवार होकर मंडल कारा के समीप पहुंचे थे। जहां जेल में बंद अशोक महतो तथा अक्षत सिंह को फल व मिठाई देने के बहाने जेल पर चढ़ाई कर दी थी। जेल में बंद अशोक महतो व अक्षत सिंह ने कक्षपाल शशि भूषण शर्मा की राइफल छीनकर उसे गोली मार दी थी। जिससे उसकी मौत घटनास्थल पर ही हो गई थी। जबकि कक्षपाल ललन प्रसाद अपराधियों की गोली से जख्मी हो गए थे। इस दौरान जेल में बंद अशोक महतो, अक्षत सिंह, रुपेश कुमार, पिंटू महतो, ब्रजेश सिंह, डब्ल्यू गुप्ता, रणजीत ठाकुर तथा दिलीप राम फरार हो गए थे। जेल से फरार हुए इन अपराधियों को पकड़ने के लिए पीछा कर रही पुलिस ने मुठभेड़ में अक्षत सिंह, ब्रजेश सिंह व रुपेश कुमार को मार गिराया था। जबकि डब्ल्यू गुप्ता अभी भी पुलिस की पकड़ से बहार है।
जख्मी कक्षपाल ललन प्रसाद के बयान पर नगर थाने में कांड सं. 298/01 दर्ज किया गया था। अपर लोक अभियोजक राकेश कुमार द्वारा अदालत में पेश किए गए गवाहों के बयान के अवलोकन के बाद द्वितीय तदर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विक्रम सिंह ने पिंटू महतो को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व 5 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।
सजायाफ्ता पिंटू महतो शेखपुरा जिला अंतर्गत अरियरि थाना क्षेत्र के महावत गांव का रहने वाला है। इसके विरुद्ध नवादा, नालंदा व शेखपुरा जिले के विभिन्न थानों में संगीन अपराध से जुड़े दो दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। फिलहाल पिंटू महतो बेगूसराय के सांसद राजो सिंह की हत्या के मामले में भी शेखपुरा की अदालत में ट्रायल का सामना कर रहा है। जबकि इसी मामले में मंगलवार को शेखपुरा के तदर्थ एडीजे द्वितीय केएम तिवारी की अदालत ने पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में कुख्यात अशोक महतो को निर्दोष करार देते हुए उसे बरी कर दिया है।
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