Bihar: ये तो हद गई! अस्पताल में रखा था इंजेक्शन, फिर महिला को क्यों नहीं लगाया? MLA ने उठाई मांग
इस्लापुर के महरो गौरैया गांव में सर्पदंश से एक महिला की मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल में एंटीवेनम इंजेक्शन की उपलब्धता के बारे में पूछा लेकिन उन्हें बताया गया कि दवा उपलब्ध नहीं है। बाद में पता चला कि अस्पताल में इंजेक्शन मौजूद थे लेकिन मरीज को नहीं दिया गया। ग्रामीणों ने लापरवाही के खिलाफ हंगामा किया और विधायक ने उच्चस्तरीय जांच की मांग की।

जागरण संवाददाता, इस्लामपुर। प्रखंड क्षेत्र के महरो गौरैया गांव में मंगलवार की रात सर्पदंश से एक महिला की मौत हो गई। मौत के पीछे स्वास्थ्य विभाग की गंभीर लापरवाही सामने आई है। मृतका की पहचान 55 वर्षीय राधा देवी के रूप में हुई है, जिन्हें मंगलवार रात करीब नौ बजे सांप ने काट लिया था।
घटना की जानकारी पंचायत के मुखिया युगेश्वर सिंह को मिली। उन्होंने तत्परता दिखाते हुए चिकित्सा प्रभारी सत्यम प्रकाश से फोन पर संपर्क कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एंटीवेनम इंजेक्शन की उपलब्धता की जानकारी मांगी। चिकित्सा प्रभारी ने साफ तौर पर कहा कि अस्पताल में दवा उपलब्ध नहीं है।
चिकित्सा प्रभारी से मिली इस जानकारी के बाद परिजनों ने निजी चिकित्सकों का रुख किया, लेकिन कहीं भी सर्पदंश की दवा नहीं मिल सकी। इसी बीच गांव के एक युवक ने ड्यूटी पर तैनात नर्स से संपर्क किया, तो नर्स ने बताया कि एंटीवेनम इंजेक्शन उपलब्ध है और मरीज को अस्पताल लेकर आएं। परिजन महिला को तुरंत अस्पताल ले गए, लेकिन वहाँ पहुँचते ही नर्स ने मुँह मोड़ लिया और कहा कि इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है।
ग्रामीणों ने किया हंगामा
इसके बाद सुबह गुस्साए ग्रामीणों ने अस्पताल परिसर में हंगामा किया और आपातकालीन दवा स्टोर खुलवा दिया। जाँच में पता चला कि अस्पताल में पहले से ही सर्पदंश के पाँच एंटीवेनम इंजेक्शन मौजूद थे। इसकी जानकारी मिलते ही परिजनों और ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने चिकित्सा प्रभारी सत्यम प्रकाश के खिलाफ नारेबाजी की।
घटना की सूचना मिलते ही इस्लामपुर थाना प्रभारी अनिल कुमार पांडेय और अन्य प्रशासनिक अधिकारी अस्पताल पहुँचे, लेकिन हैरानी की बात यह थी कि चिकित्सा प्रभारी सुबह 11 बजे तक अस्पताल नहीं पहुँचे थे।
स्थानीय विधायक राकेश कुमार रोशन भी अस्पताल पहुँचे और पीड़ित परिवार से मिले। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अस्पतालों में सभी आवश्यक दवाइयाँ पहले से ही उपलब्ध हैं, इसके बावजूद समय पर दवा न देना घोर लापरवाही है। विधायक ने इस घटना को व्यवस्था की विफलता बताया और उच्चस्तरीय जाँच की माँग की।
वहीं, मृतक के बेटे श्रीकांत यादव ने स्थानीय थाने में लिखित आवेदन देकर इस मामले में चिकित्सा प्रभारी सत्यम प्रकाश और एएनएम के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
अब सवाल यह उठता है कि जब अस्पताल में दवा उपलब्ध थी, तो उसे क्यों नहीं दिया गया? क्या यह सिर्फ़ लापरवाही है या व्यवस्था में कोई गहरी खामी है?
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