विशुद्ध सागर महाराज का पावापुरी में भव्य मंगल प्रवेश
पावापुरी। अध्यात्मयोगी संतचर्या शिरोमणि परम पूज्य आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर जी महाराज ससंघ का 28 दिगम्बर जैन मुनियों के साथ पदयात्रा करते हुए गुरुवार को पावापुरी में भव्य मंगल प्रवेश हुआ। जैन श्रद्धालुओं ने गाजे-बाजे के साथ आचार्य श्री ससंघ का भव्य स्वागत किया। वहीं श्री दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र पर जैन संतों का पाद प्रक्षालन मंगल आरती कर भक्तों ने आशीर्वाद प्राप्त किया।
पावापुरी। अध्यात्मयोगी संतचर्या शिरोमणि परम पूज्य आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर जी महाराज ससंघ का 28 दिगम्बर जैन मुनियों के साथ पदयात्रा करते हुए गुरुवार को पावापुरी में भव्य मंगल प्रवेश हुआ। जैन श्रद्धालुओं ने गाजे-बाजे के साथ आचार्य श्री ससंघ का भव्य स्वागत किया। वहीं श्री दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र पर जैन संतों का पाद प्रक्षालन, मंगल आरती कर भक्तों ने आशीर्वाद प्राप्त किया। भगवान महावीर स्वामी के पावन निर्वाण भूमि श्री पावापुरी जी सिद्ध क्षेत्र पर जैन साधुओं के भव्य मंगल प्रवेश पर लहराते पंचरंगा जैन ध्वज के बीच जय जय गुरुदेव, सत्य, अहिसा, जियो और जीने दो के जयघोष से वातावरण गुंजायमान होता रहा। इस अवसर पर निर्ग्रन्थ जैन संतों का जत्था समवशरण मंदिर, भगवान महावीर निर्वाण स्थली जलमंदिर और दिगम्बर जैन कोठी में भगवान महावीर स्वामी का दर्शन ध्यान किया। जहां आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज के सानिध्य में अभिषेक, शांतिधारा किया गया। शांतिधारा का उच्चारण गुरुदेव विशुद्ध सागर जी के मुख से हुआ। श्री दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र पावापुरी के प्रबंधक अरुण कुमार जैन व पवन कुमार जैन ने बताया कि आचार्य विशुद्ध सागर महाराज के पावन सानिध्य में दिगम्बर जैन मंदिर में चारित्र चक्रवर्ती प्रथमाचार्य श्री 108 शांतिसागर जी महाराज की प्रतिमा को मंत्रोच्चारण पूर्वक विधि विधान से वेदी पर विराजमान किया गया। इस दौरान कई प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन हुआ। मौके पर मौजूद नालंदा सांसद कौशलेंद्र कुमार ने जैन संतों से आशीर्वाद प्राप्त किया। वहीं 28 जैन साधुओं की आहारचर्या दिगम्बर जैन कोठी परिसर में सम्पन्न हुई। आचार्य विशुद्ध सागर महाराज ने कहा कि भगवान महावीर की निर्वाण स्थली पावापुरी की धरा कण-कण पवित्र है। इसी धरती से भगवान महावीर ने पूरे विश्व को प्राणी मात्र के कल्याण का संदेश दिया था। यहां आकर जो भी प्राणी अपना मस्तक नमन करता है उसका जीवन अवश्य धन्य हो जाता है। भगवान महावीर के समक्ष दर्शन साधना करके असीम शांति की अनुभूति होती है। यह धरती विश्व शांति की प्रतीक है। गुरुभक्त प्रवीण जैन ने बताया कि जैन संतों का जत्था सत्य, अहिसा, करुणा, मैत्री, शाकाहार आदि संदेश देते हुए तप स्थली सिद्ध क्षेत्र सोनागिरि जी मध्यप्रदेश से 3 जनवरी 2020 को अपनी मंगल यात्रा की शुरुआत करके ह•ारों किलोमीटर की पद विहार कर शाश्वत तीर्थ श्री सम्मेद शिखर जी लगभग 20 मार्च को पहुंचेंगे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।