नालंदा में ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन... राजगीर-उधमपुर स्पेशल ट्रेन एक घंटा तक रोकी
राजगीर–उधमपुर स्पेशल ट्रेन को एक घंटा तक रोककर विरोध जताया। मौके पर आसपास के एक दर्जन गांवों के सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे। उनका आरोप था कि रेल विभाग द्वारा पुराने मुख्य रास्ते को बंद कर एक नया अंडरपास बनाया गया है जो बरसात के दिनों में पूरी तरह से जलमग्न हो जाता है।

जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ(नालंदा)। बेना थाना क्षेत्र अंतर्गत इमली बीघा हाल्ट के पास शुक्रवार यानी स्वतंत्रता दिवस के दिन ग्रामीणों ने राजगीर–उधमपुर स्पेशल ट्रेन को एक घंटा तक रोककर विरोध जताया। मौके पर आसपास के एक दर्जन गांवों के सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे। उनका आरोप था कि रेल विभाग द्वारा पुराने मुख्य रास्ते को बंद कर एक नया अंडरपास बनाया गया है, जो बरसात के दिनों में पूरी तरह से जलमग्न हो जाता है।
ग्रामीणों को आवाजाही में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि पहले के रास्ते से दर्जनों गांवों के हजारों लोग आसानी से आवागमन करते थे। लेकिन पुराने रास्ते को बंद कर दिया गया और उसकी जगह जो नया अंडरपास बनाया गया, वह तकनीकी खामियों के कारण बरसात में फिसड्डी साबित हो रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि हर वर्ष मानसून के दौरान इस अंडरपास में 10 से 15 फीट तक पानी भर जाता है, जिससे लोगों का आना-जाना पूरी तरह से ठप हो जाता है। स्कूल जाने वाले बच्चे, बीमारों को अस्पताल ले जाने वाले परिजन और किसान सभी इस समस्या से परेशान रहते हैं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि इस गंभीर समस्या की जानकारी पहले भी रेल विभाग को दी गई थी, लेकिन अधिकारियों ने इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। लोगों का आरोप है कि विभाग ने केवल कागजों में कार्रवाई दिखाई, जबकि जमीनी स्तर पर स्थिति जस की तस बनी रही। विभाग की इसी लापरवाही से क्षुब्ध होकर ग्रामीणों ने स्वतंत्रता दिवस के दिन विरोध प्रदर्शन का रास्ता चुना और रेलवे ट्रैक जाम कर दिया।
गांवों से जुटे प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन के सामने घंटों नारेबाजी की उनका कहना था कि जब तक अंडरपास की समस्या का स्थायी समाधान नहीं होगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। प्रदर्शन के कारण राजगीर - बख्तियारपुर रेलखंड पर आवागमन बाधित हो गया और आधा दर्जन से अधिक ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ। इससे यात्रियों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई यात्री घंटों तक गाड़ियों में ही फंसे रहे।
प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट कहा कि वे किसी भी सूरत में पुराने रास्ते को बहाल करने या अंडरपास से जलजमाव की समस्या दूर करने की मांग से पीछे नहीं हटेंगे। यदि इस समस्या पर त्वरित कार्रवाई नहीं हुई, तो वे और भी बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
वहीं घटना की सूचना मिलते ही रेल प्रशासन और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया। काफी मशक्कत के बाद स्थिति नियंत्रण में आई और रोकी गई ट्रेन को आगे बढ़ाया गया।
राजगीर–बख्तियारपुर रेलखंड नालंदा जिले का एक महत्वपूर्ण मार्ग है, जिससे रोजाना हजारों यात्री सफर करते हैं। ऐसे में ट्रेनों के रुकने और बाधित होने से यात्रियों को व्यापक असुविधा झेलनी पड़ी।
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