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    Nalanda News: अब किसानों का अनाज नहीं होगा खराब, 19.37 करोड़ की लागत से दो नए गोदामों को मिली मंजूरी

    हिलसा अनुमंडल में धान भंडारण की समस्या को दूर करने के लिए बिहार राज्य खाद्य निगम दो नए गोदाम बनाएगा जिनकी क्षमता 8 हजार मीट्रिक टन होगी। इस्लामपुर और हिलसा में बनने वाले इन गोदामों के लिए 19 करोड़ 37 लाख रुपये की स्वीकृति मिली है। जिलाधिकारी ने बताया कि गोदामों का निर्माण 18 महीने में पूरा करना होगा।

    By rajesh kumar Edited By: Krishna Parihar Updated: Sat, 23 Aug 2025 04:09 PM (IST)
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    आठ हजार मीट्रिक टन क्षमता की बनेगी हिलसा अनुमंडल में दो गोदाम

    जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ। ऐसा महसूस किया जा रहा था कि गोदाम की अनुपलब्धता कम होने के कारण हिलसा अनुमंडल में धान अधिप्राप्ति के बाद मिलर के यहां धान की मिलिंग कराने के उपरांत प्राप्त सीएमआर (चावल) के भंडारण की सबसे बड़ी समस्या बनी हुई थी।

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    गोदाम की समस्या को दूर करने के लिए बिहार राज्य खाद्य निगम, पटना के नियंत्रणाधीन जिले में दो गोदाम निर्माण, जिसकी भंडारण क्षमता आठ हजार मीट्रिक टन होगी, वहीं 19 करोड़ 37 लाख 58 हजार प्राक्कलन राशि की प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई है।

    यह जानकारी शनिवार को डीएम कुंदन कुमार ने दी। डीएम ने बताया कि बिहार राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम के नियंत्रण में बनाए जाने वाला तीन हजार मीट्रिक टन क्षमता की गोदाम इस्लामपुर प्रखंड के बंध रसलपुर में 862.46 लाख रुपए तो पांच हजार भंडारण क्षमता की दूसरी गोदाम हिलसा प्रखंड के पूना में नाबार्ड संपोषित बनाई जाएगी।

    इसके निर्माण के लिए 1075.12 लाख रुपए प्राक्कलन राशि की स्वीकृति शासन से मिली है। डीएम ने बताया कि गोदाम का निर्माण स्वयं बिहार राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम द्वारा किया जाएगा, लेकिन कुछ शर्तों के साथ, जो गोदाम बनाया जाएगा, वह किसी के रैयती जमीन में नहीं। सरकार जमीन में ही गोदाम का निर्माण एनओसी लेकर किया जाएगा।

    वहीं बिहार राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम को दोनों गोदामों का निर्माण कार्य अधिक से अधिक 18 महीने के अंदर पूरा करना होगा। उन्होंने कहा कि हिलसा अनुमंडल के किसी प्रखंड में सीएमआर भंडारण के लिए पहले कोई गोदाम नहीं था।

    जिसके कारण प्रति वर्ष पैक्स व व्यापार मंडल को सीएमआर की भंडारण कराने में भारी परेशानी होती थी। इसलिए सीएमआर को दूसरे दूर-दराज के गोदाम में ले जाने में जहां व्यय अधिक आता था, वहीं अन्य कई प्रकार की परेशानी होती थी।