नीतीश सरकार के काम से शशि थरूर इम्प्रेस, कांग्रेस सांसद बोले- बदल गया बिहार
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने नालंदा लिटरेचर फेस्टिवल 2025 का उद्घाटन किया। उन्होंने बिहार के विकास मॉडल और नीतीश सरकार के कामकाज की तारीफ की। थरूर ने कह ...और पढ़ें

कांग्रेस सांसद शशि थरूर। फाइल फोटो
डिजिटल डेस्क, नालंदा। कांग्रेस सांसद शशि थरूर सोमवार को नालंदा पहुंचे। यहां उन्होंने नालंदा लिटरेचर फेस्टिवल 2025 का उद्घाटन किया। इस दौरान वह बिहार का विकास मॉडल देखकर चकित नजर आए और उन्होंने नीतीश सरकार के कामकाज की तारीफ की।
उन्होंने कहा कि बिहार में बदलाव दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा, "मैंने सुना है कि पहले (बिहार में) हालात अच्छे नहीं थे। अब सब कुछ अच्छा है। आजकल रास्ते अच्छे हैं, रात के समय लोग बाहर निकल रहे हैं और लोगों को बिजली-पानी मिल रहा है। मुझे अच्छा लग रहा है"
उन्होंने आगे कहा, "नालंदा विरासत की स्थली रही है। 20 साल पहले जब हमारे राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने कहा कि नालंदा को रिवाइव करना चाहिए, तो मैंने लिखा था कि हमें 21वीं शताब्दी में कुछ अच्छा करना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि 20 साल बाद इस कैंपस को देखकर, लोगों से मिलकर और छात्रों से बातचीत करके मुझे बहुत खुशी हो रही है। नालंदा यूनिवर्सिटी को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। इसे केंद्र और राज्य दोनों सरकारों से पूरा समर्थन मिलना चाहिए।
बापू टावर का सांसद शशि थरूर ने किया भ्रमण
लेखक व सांसद शशि थरूर ने पटना में बापू टावर संग्रहालय का भ्रमण किया। इस दौरान संग्रहालय के निदेशक विनय कुमार ने पुष्पगुच्छ, शाल एवं स्मृति चिह्न भेंटकर उनका स्वागत किया। शशि थरूर ने बापू टावर की विभिन्न दीर्घाओं में प्रदर्शित ऐतिहासिक चित्रों, लघु फिल्मों एवं अन्य प्रदर्शनियों के माध्यम से महात्मा गांधी के जीवन और विचारों को जाना।
उन्होंने कहा कि बापू टावर एक विश्वस्तरीय म्यूजियम है। यहां गांधी जी के विचारों और उनकी जीवन यात्रा को लघु फिल्मों के माध्यम से प्रभावशाली और जीवंत ढंग से प्रस्तुत किया गया है। शशि थरूर ने कहा कि गांधी जी के जीवन दर्शन को समझने और जानने के लिए बापू टावर खास जगह है।
संग्रहालय में आकर उन्हें गांधी जी के बारे में बहुत कुछ सीखने का अवसर मिला। इस मौके पर बापू टावर के पदाधिकारी सहित अन्य लोग भी उपस्थित रहे।
समाचार एजेंसी एएनआई के इनपुट के साथ

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।