पुलिस को सुनाई कहानी तो छूट गया पसीना, नालंदा में मिलीं उत्तर प्रदेश की चार लड़कियां
पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से बिहार में चार लड़कियों को लाया गया। उन्हें यहां काम देने की बात कहते हुए एक व्यक्ति लाया था। कहा गया था कि उन्हें सूत काटने का काम दिया जाएगा। इसके बदले चार से पांच हजार रुपये मिलेंगे। नालंदा लाकर युवतियों को नचवाया जाने लगा।
जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ। बिहार के नालंदा में आर्केस्ट्रा की चकाचौंध के पीछे छिपे काले सच का पुलिस ने पर्दाफाश किया। नालंदा पुलिस ने लहेरी थाना क्षेत्र स्थित बैंक कालोनी में छापेमारी कर मानव तस्करी के मामले का भंडाफोड़ किया है।
आर्केस्ट्रा के नाम पर किया जा रहा था खेल
यहां पर आर्केस्ट्रा के नाम पर नाबालिग लड़कियों का शोषण किया जा रहा था। इस कार्रवाई में चार लड़कियों को मुक्त कराया गया है, जिनमें दो नाबालिग हैं। पुलिस ने बताया कि सभी मुक्त कराई गईं लड़कियां उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं।
देर रात कार्रवाई में चला पता
सदर डीएसपी मो. नुरूल हक ने बताया कि एसपी भारत सोनी के निर्देश पर रविवार की देर रात एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट, जिला बाल संरक्षण इकाई, बचपन बचाओ आंदोलन और अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से यह कार्रवाई की गई।
छापेमारी के दौरान की गई गिरफ्तारी
मामले को लेकर पुलिस ने बताया कि छापेमारी बैंक कालोनी स्थित गोपाल यादव के मकान में की गई, जहां किराए पर रह रहे आर्केस्ट्रा संचालक लालटुस कुमार, उसकी पत्नी और एक अन्य आरोपी इंद्रजीत कुमार को गिरफ्तार किया गया।
एक कमरे में मिलीं चार लड़कियां
पूछताछ के दौरान एक कमरे से चार लड़कियों को मुक्त कराया गया। पीड़िताओं ने बताया कि उन्हें पहले सूत काटने का काम दिलाने के नाम पर हर दिन चार से पांच हजार रुपये कमाई का लालच देकर यहां लाया गया था।
जबरन आर्केस्ट्रा में नचवाया जाने लगा
लड़कियों ने पुलिस को बताया कि उन्हें उत्तर प्रदेश से काम दिलाने के नाम पर लाया गया था। यहां पहुंचते ही उन्हें जबरन आर्केस्ट्रा में नचवाया जाने लगा। संचालक दंपती द्वारा धमकी देकर उन्हें शोषण का शिकार बनाया गया।
मकान मालिक के खिलाफ प्राथमिकी
पुलिस ने मकान मालिक गोपाल यादव के खिलाफ भी प्राथमिकी की है। छापेमारी टीम में इंस्पेक्टर सुमंत कुमार, महिला थाना अध्यक्ष कुमारी उषा सिन्हा, दारोगा निशा भारती, रंजन पाठक, संतोष दुबे, अनुपम कुमारी, मंटू कुमार और उज्जवल कुमार शामिल थे।
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