Bihar Parimarjan Jamabandi: परिमार्जन प्लस से भी जमाबंदी में नहीं हो रहा सुधार, जमीन मालिक परेशान
करायपरसुराय में जमाबंदी सुधार को लेकर रैयतों की परेशानियां कम नहीं हो रही हैं। परिमार्जन प्लस पोर्टल पर आवेदन लंबित रहने से दिक्कतें बढ़ गई हैं। रैयतों का कहना है कि ऑनलाइन आवेदन के बाद भी सुधार नहीं हो रहा है गलतियां बताकर आवेदन वापस कर दिए जा रहे हैं। अंचलाधिकारी के अनुसार 1500 आवेदनों में से 602 का काम पूरा हुआ बाकी में गलतियां हैं।

संवाद सूत्र, करायपरसुराय। रैयतों को कागजात दुरुस्त किए जाने को लेकर तीन माह का समय दिए जाने के बावजूद शिकायतों में कमी नहीं हो पा रही है। पहले तो जमाबंदी सुधार या डिजिटाइजेशन में छुट्टी हुई जमाबंदी के लिए परिमार्जन पोर्टल पर जाकर आवेदन करना होता था। इसे सरल करने के लिए परिमार्जन प्लस के माध्यम से इसे आसान बनाया गया।
बावजूद नए पोर्टल पर डेढ़ माह बाद तक आवेदन लंबित रह रहा है। जानकारी के अनुसार कागजात जुटाए जाने को लेकर रैयतों को तीन माह का समय दिया गया था। पहले जमाबंदी सुधार या डिजिटाइजेशन में छुट्टी हुई जमाबंदी के लिए परिमार्जन पोर्टल पर आवेदन करना होता था। इसमें सत्यापन करने की प्रक्रिया जटिल थी।
इसे देखते हुए आसान बनाए जाने को लेकर साफ्टवेयर को अपडेट करने के बाद परिमार्जन प्लस के माध्यम से छूटे हुए रैयत के नाम जोड़ने, सुधरने या खाता, प्लाट, रकबा के सुधार के लिए संबंधित दस्तावेज लगाकर स्वयं के शपथ पत्र के साथ ऑनलाइन आवेदन करना था। इससे प्रक्रिया आसान तो हुई लेकिन नए पोर्टल पर डेढ़ माह तक आवेदन लंबित रहने के कारण रैयतों को परेशानी हो रही है।
इससे भी जमाबंदी में सुधार नहीं हो रहा है। कुछ आवेदन में गलती में सुधार करने की बात कर इसे वापस कर दिया जा रहा है। जगदीश महतो, सुधीर प्रसाद समेत अन्य रैयतों ने कहा कि ऑनलाइन साइबर कैफे या वसुधा केंद्र के माध्यम से सभी दस्तावेज के साथ परिमार्जन प्लस पर उन लोगों ने आवेदन दिया है, लेकिन जमाबंदी में सुधार नहीं हो रहा है।
वहीं, कुछ रैयतों ने कहा कि तीन से चार महीने पूर्व उन लोगों ने इसके लिए आवेदन किया था। अब परिमार्जन प्लस पर आवेदन करने के लिए कहा जा रहा है। मिथिलेश कुमार ने कहा कि इसके लिए सभी तरह के दस्तावेज लगाकर परिमार्जन प्लस पर आवेदन दिए जाने के बाद संदेश आ रहा है कि आपके आवेदन में त्रुटि है, निवारण के लिए आपके लॉगिन पर वापस कर दिया गया है।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के वेबसाइट पर नोटिफिकेशन है कि इस कार्य हेतु कार्यालय आने की जरूरत नहीं है लेकिन रैयतों को परेशानी हो रही है। अंचलाधिकारी मणिकांत कुमार ने कहा कि राजस्व महाअभियान मे 11 हजार जमाबंदी पंजी वितरण हुआ है वहीं अब तक 1500 आवेदन प्राप्त हुए हैं।
उन्होंने कहा कि इसमें 602 रैयतों के आवेदन का काम संपन्न हो चुका है जबकि 307 आवेदन में विभिन्न तरह की गलती रहने के कारण रैयत के लॉगिन पर इसे वापस कर दिया गया है वहीं 591 आवेदनों की अभी जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि अपने लॉगिन पर जाकर रैयत आवेदन में सुधार कर दोबारा आवेदन करें। ऐसा किए जाने के बाद जमाबंदी में सुधार हो जाएगा|
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