नालंदा के 97 किसानों को 5 सालों तक नहीं मिलेगी सरकारी योजनाओं का लाभ, जानें क्यों बंद हुई सुविधाएं
जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि किसानों को पहले कई बार जागरूक किया जा चुका था। मशीनरी उपलब्ध कराने से लेकर पराली प्रबंधन के लिए अनुदान तक सरकार की ओर से ...और पढ़ें

नालंदा के 97 किसान पांच वर्षों तक सरकारी योजनाओं से रहेंगे वंचित। सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ। जिले में पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं पर जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है। खेतों में आग लगने से पर्यावरण को हो रहे नुकसान और वायु गुणवत्ता पर पड़ रहे प्रभाव को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने व्यापक अभियान चलाकर अब तक 97 किसानों के खिलाफ कार्रवाई की है। इन किसानों को आगामी पांच वर्षों तक किसी भी सरकारी योजना, अनुदान, सब्सिडी, कृषि से जुड़े लाभ या वित्तीय सहायता से वंचित रखा जाएगा।
जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि किसानों को पहले कई बार जागरूक किया जा चुका था। मशीनरी उपलब्ध कराने से लेकर पराली प्रबंधन के लिए अनुदान तक सरकार की ओर से कई विकल्प दिए गए थे, फिर भी कई किसान पुराने तरीकों पर अड़े रहे।
ऐसे में कानून के तहत कठोर कार्रवाई अपरिहार्य हो गई। प्रशासन का कहना है कि पराली जलाना न केवल पर्यावरण को प्रदूषित करता है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी कम करता है। इससे सड़क दुर्घटनाओं की आशंका भी बढ़ती है।
स्थानीय लोगों और पर्यावरण प्रेमियों ने प्रशासन की इस पहल का स्वागत किया है। उनका मानना है कि कड़े कदम से स्थिति में सुधार आएगा और किसानों को आधुनिक तरीकों की ओर बढ़ने के लिए प्रेरणा मिलेगी।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अभियान आगे भी जारी रहेगा और यदि किसी किसान ने पराली में आग लगाई, तो उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी।

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