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    Nalanda News: सात निश्चय योजनाओं की खुली पोल, ढाई हजार की आबादी बजबजाती नालियों के बीच रहने को मजबूर

    Updated: Thu, 27 Nov 2025 01:20 AM (IST)

    नालंदा में सात निश्चय योजनाओं की विफलता से ढाई हजार की आबादी बजबजाती नालियों के बीच रहने को मजबूर है। स्वच्छता और बुनियादी सुविधाओं का अभाव है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। प्रशासन की उदासीनता के कारण ग्रामीणों में आक्रोश है, और वे सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं।

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    टूटी सड़कें और बजबजाती नालियों के बीच जीने को मजबूर ढाई हजार की आबादी। फोटो जागरण

    संवाद सूत्र, इस्लामपुर। एक ओर सरकार सात निश्चय योजना के तहत करोड़ों रुपए खर्च कर हर घर तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर इस्लामपुर नगर परिषद के वार्ड 11 की हकीकत इन दावों पर बड़े सवाल खड़े करती है।

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    नगर के मुख्य बाजार से सटे उत्तरी पटेल नगर में आज भी कई ऐसी गलियां हैं जहां न तो नालियां हैं और न ही पक्की सड़कें। लोगों को रोजाना मिट्टी के उबड़-खाबड़ रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है। बारिश के दिनों में स्थिति और भी बदतर हो जाती है।

    करीब दो हजार से ढाई हजार की आबादी वाले इस वार्ड में विकास की तस्वीर बेहद निराशाजनक है। नगर परिषद बनने के ढाई वर्ष बीत जाने के बाद भी यहां 10 से 15 पीसीसी सड़क और नाली की आवश्यकता पूरी नहीं हो सकी है।

    स्थानीय लोगों का कहना है कि यह इलाका नगर परिषद के मुख्य क्षेत्र में शामिल होने के बावजूद आज भी उपेक्षित है। कहीं कच्ची गली है, तो कहीं बजबजाती नालियों का बदबूदार पानी लोगों की रोजमर्रा की परेशानी का कारण बना हुआ है।

    बुधवार को जागरण की टीम ने पटेल नगर का दौरा किया, जहां अधिकांश जगहों पर विकास कार्यों का नामोनिशान नहीं मिला। कई गलियों में बिना सड़क और नाली के लोग रहते हुए दिखे।

    स्थानीय निवासियों ने बताया कि पूर्व के जनप्रतिनिधियों ने इस क्षेत्र को हमेशा नजरअंदाज किया, जिसके कारण वर्षों से समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। लोगों को नगर परिषद के गठन के बाद उम्मीद तो जगी है, लेकिन धरातल पर काम अभी भी शुरू नहीं हुआ है।

    वार्ड पार्षद पुष्पा देवी ने स्वीकार किया कि क्षेत्र में जनसंख्या के अनुपात में नाली और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। उन्होंने कहा कि सभी आवश्यक योजनाओं का प्रस्ताव नगर परिषद कार्यालय को भेजा जा चुका है। जैसे ही योजनाओं को मंजूरी और बजट मिलता है, नाली और पीसीसी सड़क निर्माण का कार्य शुरू कराया जाएगा।

    फिलहाल स्थानीय लोग यही सवाल उठा रहे हैं कि जब शहर के बीचोबीच स्थित वार्ड की हालत है तो दूरदराज के क्षेत्रों की स्थिति कैसी होगी। वार्ड 11 के लोग अब जल्द से जल्द बुनियादी सुविधाओं की बहाली की उम्मीद लगाए बैठे हैं।