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    Bihar: मृणालिनी ने विदेशी धरती पर किया देश का नाम रोशन,आर्म रेसलिंग चैंपियनशिप में हासिल की ये बड़ी उपलब्धि

    Bihar News नालंदा की निवासी मृणालिनी सिंह ने दिल्ली की टीम के साथ मिलकर आईएफए - 2023 वर्ल्ड आर्म रेसलिंग (पंजा लड़ाना) चैंपियनशिप में देश और बिहार का नाम रोशन किया है। मृणालिनी सिंह ने 63 किग्रा में चौथा स्थान हासिल किया।र्ष 2018 में कार रेसिंग नेशनल मैच में इन्हें ब्रान्ज मेडल मिला था। चार बहनों में सबसे छोटी हैं।

    By rajnikant sinhaEdited By: Monu Kumar JhaUpdated: Mon, 02 Oct 2023 05:27 PM (IST)
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    प्रस्तुति के लिए प्रयोग की गई तस्वीर। फोटो जागरण

    संवाद सूत्र, हरनौत (नालंदा)। World Arm Wrestling Championship: जिले के हरनौत प्रखंड के चैनपुर निवासी मृणालिनी सिंह (Mrinalini Singh) ने दिल्ली की टीम के साथ मिलकर आईएफए - 2023 वर्ल्ड आर्म रेसलिंग (पंजा लड़ाना) चैंपियनशिप (IFA 2023 World Arm Wrestling Championship)  में देश और बिहार (Bihar News) का नाम रोशन किया है। यह मैच 25 सितंबर से एक अक्टूबर तक मलेशिया में आयोजित हुआ था। जिसमें दुनिया भर के 31 देशों ने हिस्सा लिया था।

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    भारतीय टीम (Indian Team) ने संदीप श्योराण की कप्तानी में ओवरऑल मेडल टैली में दूसरा स्थान हासिल किया। दिल्ली की हिमानी ने 52 किग्रा महिला वर्ग में रजत पदक जीता। जबकि पूजा बिष्ट ने 63 किग्रा में कांस्य पदक और मृणालिनी सिंह ने 63 किग्रा में चौथा स्थान हासिल किया। इन्होंने बाएं हाथ से लड़कर चौथा स्थान हासिल किया है। मृणालिनी चार बहनों में सबसे छोटी है।

    मृणालिनी ने की हुई है MBA 

    मृत्युंजय सिंह की पुत्री मृणालिनी की पढ़ाई मणिपाल में हुई थी। इन्होंने एमबीए की पढ़ाई की है और गाजियाबाद में एक प्रतिष्ठित स्टाफिंग कंपनी में अधिकारी हैं। मृणालिनी ने बताया कि आर्म्स रेसलिंग (Arms Wrestling) का प्रयास जारी रहेगा। उन्होंने इसी साल 20 मई को नेशनल आर्म रेशलिंग मैच में सिल्वर मेडल जीता था। मृणालिनी ने बताया कि इसी आधार पर मेरा चयन आईएफए वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप के लिए हुआ था।

    छठ का भी रखती हैं व्रत

    उन्होंने कहा-मेरी रुचि फार्मूला फोर रेसिंग में भी है। वर्ष 2018 में कार रेसिंग नेशनल मैच में इन्हें ब्रान्ज मेडल मिला था। उन्हें गांव की संस्कृति और मिट्टी से जुड़ाव है। समय निकाल कर गांव आती रहती हैं। वह छठ (Chhath Puja 2023) का व्रत रखती हैं और गांव आकर ही अपने तालाब में अर्घ्य अर्पण करती हैं। वह छठ के अलावा अन्य व्रत भी करती हैं।

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