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    सरकार की पोल खुली: सीएम नीतीश के गृहनगर का हाल बेहाल; गर्भवती बीवी को सब्जी के ठेले पर लेकर अस्पताल पहुंचा पति

    बिहार में स्वास्थ्य विभाग की कमी उजागर करने वाला यह कोई पहला मामला नहीं है। फिर भी बिहारशरीफ के कमरुद्दीन गंज मोहल्ले के शख्स के साथ हुई यह घटना कान खड़े करने वाली है। यह बताती है कि सरकारी महकमे अपने काम के प्रति कितने लापरवाह बने हुए हैं।

    By Jagran NewsEdited By: Yogesh SahuUpdated: Sun, 11 Dec 2022 04:57 PM (IST)
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    गर्भवती बीवी को सब्जी के ठेले पर लेकर अस्पताल पहुंचा पति।

    पटना, आईएएनएस। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में स्वास्थ्य विभाग का हाल बेहाल है। इस बात का प्रमाण शनिवार को घटी एक घटना दे रही है। जी हां, यहां के सरकारी अस्पताल में एक शख्स अपनी गर्भवती पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर सब्जी के ठेले पर लेकर पहुंचा था।

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    जानकारी के अनुसार, शनिवार को बिहार स्वास्थ्य विभाग के 'मिशन 60' की हकीकत उस वक्त उजागर हो गई, जब एक गर्भवती महिला सब्जी के ठेले पर सदर अस्पताल पहुंची। अस्पताल पहुंचने पर भी किसी ने मदद नहीं की तो अंतत: शख्स गर्भवती पत्नी को ठेले पर लिटाकर ही इमरजेंसी वार्ड में पहुंच गया।

    बिहारशरीफ के कमरुद्दीन गंज मोहल्ले के रहने वाले राजीव प्रसाद ने शनिवार को गर्भवती पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर एंबुलेंस बुलाने के लिए फोन किया। परंतु एंबुलेंस भेजने से मना कर दिया गया। राजीव ने बताया कि मैंने बार-बार अस्पताल में एंबुलेंस के लिए टोल फ्री नंबर पर फोन किया, लेकिन कर्मचारियों ने एंबुलेंस भेजने से मना कर दिया।

    राजीव ने आगे कहा कि आखिरकार थक-हारकर मैं दर्द से तड़प रही पत्नी को सब्जी के ठेले पर लिटाकर सदर अस्पताल गया। अस्पताल पहुंचने के बाद भी वहां के कर्मचारियों ने कोई मदद नहीं की, स्ट्रेचर तक नहीं मिली। राजीव प्रसाद ने कहा कि इसलिए, मैं सब्जी के ठेले को ही आपातकालीन वार्ड के अंदर ले गया। उन्होंने कहा कि बिहार में ऐसी स्थिति आम है जहां सरकारी अस्पताल की ओर से एंबुलेंस देने से मना करने पर लोग शवों को कंधे या फिर साइकिल पर ढोते हैं।

    बिहार में ऐसी स्थिति को ध्यान में रखते हुए ही प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने राज्य के चिकित्सा अस्पतालों के बोझ को कम करने के लिए प्रत्येक जिला अस्पताल को उचित बिस्तर, स्ट्रेचर, एम्बुलेंस, ऑक्सीजन सिलेंडर, दवाइयां, परीक्षण और अन्य उपकरण मुफ्त उपलब्ध कराने के लिए मिशन 60 शुरू किया है। परंतु प्रदेश में हालात सुधरते नहीं दिख रहे हैं।