'उनकी भाषा बिहार की नहीं, रात में आते हैं दिन में गायब', संदिग्ध लोगों को सरकारी जमीन बेचने का आरोप
नालंदा में भू-माफिया पर सरकारी जमीन बेचने का आरोप है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जमीन खरीदने वाले बिहार के नहीं हैं और वे देर रात इलाके में आते हैं। ...और पढ़ें

सरकारी जमीन बेचने के आरोप। फाइल फोटो
संवाद सहयोगी, हिलसा (नालंदा)। स्थानीय शहर के गबड़ा पर स्थित आम पोखर धुनिया गवड़ा पर मोहल्ले में गंभीर मामला सामने आया है। यहां एक भूमि तस्कर पर संदिग्ध लोगों से मोटी रकम लेकर सरकारी जमीन बेचने का आरोप है। उस जमीन पर भवन निर्माण भी कराया गया है। मोहल्ले के लोगों ने बताया कि उनकी रहन-सहन एवं उनकी भाषा बिहार का नहीं है।
बताया गया है कि बिहार में SIR लागू होने के बाद, जब उत्तर प्रदेश में SIR चालू है, तो कुछ अवैध संदिग्ध लोग हिलसा शहर के गवड़ा पर आम पोखर धुनिया गवड़ा पर मोहल्ले में आने -जाने का चहल कदमी बढ़ते देखा जा रहा है।
इतना ही नहीं, पूर्व में भी एक मुस्लिम जमीन तस्कर द्वारा मोटी रकम लेकर बाहरी संदिग्ध लोगों के हाथों पोखर का जमीन बेच दिया गया है। दर्जनों लोग भवन का निर्माण भी कराकर प्रवास भी कर रहे है। कुछ जमीन पर भवन का निर्माण अधूरा है। मामला बेहद संगीन है। अब देखना है कि इस मामले में प्रशासन क्या कार्रवाई करती है।
प्रशासन को नहीं है जानकारी
संदिग्ध लोगों से सुरक्षा को लेकर जब हिलसा थानाध्यक्ष अभिजीत कुमार से इस मामले में जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि इस तरह की मामला मेरे संज्ञान में नहीं है, आगे जानकारी ली जाएगी।
वहीं, अंचलाधिकारी ने कहा, "मैं कैसे बताऊं कि वह जमीन सरकारी है। खाता नंबर और प्लॉट नंबर की जानकारी उपलब्ध होने के बाद बताया जाएगा। हो सकता है कि उन लोगों को उक्त जमीन पर्चा में दिया गया होगा।"
क्या कहते हैं मोहल्ले वासी?
संदिग्ध लोगों को आने-जाने के बारे में बताया कि देर वे लोग रात में आते हैं। कब चले जाते हैं और कहां जाते हैं? यह कहना मुश्किल है, लेकिन यह बात पक्की है कि जिस तरह से उनकी भाषा सुनाई पड़ती है, वह बिहार के बाहर के लोग नहीं हैं।

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