इस्लामपुर स्टेशन की उपेक्षा से टूटी विकास की आस, यात्री सुविधाओं के नाम पर सिर्फ निराशा
इस्लामपुर रेलवे स्टेशन पर बुनियादी सुविधाओं का अभाव है, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। राजस्व में वृद्धि के बावजूद, यहाँ पेयज ...और पढ़ें

इस्लामपुर स्टेशन
संवाद सूत्र, इस्लामपुर(नालंदा)। इस्लामपुर रेलवे स्टेशन पर बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। राजस्व के मामले में यह भले ही आस-पास केबरेल्वस्य स्टेशनों से अव्वल है लेकिन सुविधाओं के मामले में काफी पीछे। यहां बता दें कि इस्लामपुर में असुविधाओं के बीच पिछले कई वर्षों से सफर कर रहे यात्रियों को बुनियादी सुविधाएं मिलने की काफी उम्मीदें थी लेकिन इस्लामपुर रेलवे स्टेशन के विकास की गति मिलने की आस टूट गई।
चाहे तपिश भरी गर्मी हो, ठंड हो या बरसात, इस रेलवे स्टेशन पर लोगों को सिर छिपाने में काफी फजीहत का सामना करना है। यहाँ के रेलयात्री किसी तरह टूटे व छोटे शेड एवं पेड़ की छाव में खड़े होकर खुद को बचाते हैं।
राजस्व के मामले में प्रतिवर्ष उछाल
यहां बता दें कि दानापुर मंडल का इस्लामपुर एक ऐसा रेलवे स्टेशन है ,जो राजस्व के मामले में प्रतिवर्ष उछाल मार रहा है इसके बावजूद इस्लामपुर स्टेशन यात्री सुविधाओं के मामले में फिसड्डी साबित हो रहा है।
ऐसी बात नही है कि इसकी शिकायत अधिकारियों से नहीं की जाती है, बावजूद विभागीय अधिकारी इस स्टेशन की कायाकल्प करने में कोताही बरत रहे हैं।
ना पेयजल की सुविधा, ना शौचालय की
यदि देखा जाय तो इसलामपुर रेलवे स्टेशन पर बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। इस स्टेशन पर जरूरतों की अनदेखी से स्टेशन के विकास की आस टूटने लगी है, स्थानीय स्टेशन के 670 मीटर लंबे एक नंबर प्लेटफॉर्म पर पेयजल, शौचालय एवं यूरिनल की सुविधा है लेकिन वो भी जर्जर स्थिति में है वहीं दूसरी ओर प्लेटफार्म नंबर दो और तीन पर ना कोई पेयजल की सुविधा है, ना शौचालय की और ना ही कोई यूरिनल की व्यवस्था है। इसके नही रहने से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानी
जहां तक शेड की बात है तो प्लेटफॉर्म नंबर एक के अलावे कहीं भी शेड नही है। यात्रियों के लिए परेशानी का सबब तब बन जाता है जब बारिश होती है। प्लेटफॉर्म नंबर दो और तीन पर शौचालय एवं यूरिनल नहीं रहने से सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को उठानी पड़ती है।
यहां बता दें कि इस्लामपुर रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन पांच से छह हजार यात्रियों का आना जाना होता है, यहाँ से प्रतिदिन रांची, दिल्ली, पटना के लिए कई गाड़ियां खुलती है। इसके बावजूद यात्रियों को सुविधा के नाम पर कुछ नही मिलता।

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