सकारात्मक सोच के बूते आईएएस विवेक ने जीत ली कोरोना से जंग
आखिरकार हिलसा एसडीओ विवेक रंजन मैत्रे ने कोरोना से जंग जीत ली । रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद पहली बार उन्होंने इस संवाददाता से बात की। कोरोना संक्रमित से कोरोना विजेता तक के सफर के बारे में उन्होंने खुलकर बात की।
बिहारशरीफ: आखिरकार हिलसा एसडीओ विवेक रंजन मैत्रेय ने कोरोना से जंग जीत ली। वे अब तक के पहले आईएएस हैं, जो ड्यूटी के दौरान कोरोना से संक्रमित हुए। वे लगातार क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवासियों का हाल-चाल लेने खुद पहुंचते थे। बहरहाल, अब वे स्वस्थ्य हैं, उनकी लगातार तीन रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। कोरोना से जंग जीतने के बाद पहली बार उन्होंने जागरण से बात की। कोरोना संक्रमित से कोरोना विजेता तक के सफर के बारे में उन्होंने बड़ी सहजता से अनुभव साझा किए। पेश है बातचीत के कुछ अंश..
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प्रश्न: आपकी रिपोर्ट निगेटिव आई, अब आप स्वस्थ हैं। कैसा फील कर रहे हैं?
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उत्तर: काफी सुकून मिला सुनकर। काफी काम करना है सभी के लिए। जिदगी की रफ्तार थोड़ी थम गई थी लेकिन सभी की दुआ, खासकर डीएम योगेंद्र सर का आभार। जिन्होंने काफी हौसला बढ़ाया। इसी कारण सोच सकारात्मक रख सका।
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प्रश्न: जब कोरोना पॉजिटिव होने की खबर मिली तो सबसे पहले मन में क्या ख्याल आया था?
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उत्तर: दिल से बताता हूं, जब मुझे पता चला कि मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है तो मुझे सबसे ज्यादा चिता अपने स्टाफ व बॉडीगार्ड की हुई। मुझे लगा कि मैं तो संक्रमित हो ही गया, कहीं मेरे कारण वो सब भी संक्रमित न हो जाएं। बस इस बात की फिक्र ज्यादा थी। लेकिन ऊपर वाले ने मेरी सुन ली। सभी लोगों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई।
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प्रश्न: किसने खबर दी कि रिपोर्ट पॉजिटिव है?
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उत्तर: उस दिन 11 बजे रात में डीएम योगेंद्र सर का ़फोन आया। क्षेत्र का हालचाल पूछने और बताने के दौरान उन्होंने बड़ी सहजता से बताया कि मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। फिर वे काउंसिलिग करने लगे। एक अभिभावक के रूप में उनका मार्गदर्शन मिलता रहा। लखनऊ में मेरे मां-पिता दोनों घबराए थे, उन्हें भी डीएम सर ने ही नॉर्मल किया। मैंने शुरू में छिपाने की कोशिश की लेकिन सोशल मीडिया, अखबार व चैनल में जब खबर आने लगी कि हिलसा के एसडीओ संक्रमित तो फिर सच्चाई बतानी पड़ी। अभी शादी नहीं हुई है, घर वाले लखनऊ में रहते हैं। उनको समझाना व इमोशन को कंट्रोल कर पाना, आप समझ सकते हैं, कितना मुश्किल था।
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प्रश्न: अपने खुद को आइसोलेट रखकर इन दिनों क्या किया ?
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उत्तर: खुद को अपने सरकारी आवास के ही एक रूम में आइसोलेट किया। सभी स्टाफ भी क्वारंटाइन में रहे। खुद से कमरे की सफाई करता था। जो भी कागज यूज करता था, बाद में उसे गड्ढे में डाल कर जला देता था। काम जारी रखा। कभी फील ही नहीं होने दिया कि मैं बीमार हूं। संयम रखा और आत्मविश्वास को तो कभी टूटने ही नहीं दिया। डीएम सर, एसपी नीलेश कुमार व सीएस व तमाम कर्मी व शुभचितकों के साथ वीडियो कॉफ्रेंसिग के माध्यम से जुड़ा रहा। हर सुबह 10 बजे बीडीओ के साथ व शाम में डीएम सर के साथ जुड़ जाता था।
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प्रश्न: पहली बार एक आईएएस अधिकारी का पॉजिटिव होना सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बना रहा, इसे किस रूप में लेते है?
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उत्तर: देखिए जब आप इलाके में किसी टीम को लीड करते हैं तो आप अपनी जवाबदेही से भाग नहीं सकते। डीएम पूरे जिले को लीड कर रहे हैं। मैं एक अनुमंडल को। अब जो श्रमिक आए या क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे हैं। उनका ख्याल रखना हमारी ड्यूटी थी। मैं सचेत भी रहता था। लेकिन संक्रमित हो गया। घर से ही काम किया। ठीक हुआ। अब फिर से ड्यूटी ज्वाइन करूंगा।
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प्रश्न: संक्रमण के बाद संतुलित खान-पान के अलावे किस चीज की •ारूरत है?
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उत्तर: सादा भोजन करें। आरोग्य काढ़ा का सेवन करें। कोरोना की कोई विशेष दवा नहीं है। बस जो लक्षण दिखा, उसी के हिसाब से उपचार हुआ। गर्म पानी का सेवन किया। एकांतवास में भी आपको खुद से हिम्मत रखना है और सकारात्मक विचार रखें। ज्यादा सोचने से इम्यून सिस्टम कमजोर होती है। इसलिए खुश रहें, बिदास रहें।
.......... प्रश्न: समाज को क्या संदेश देना चाहेंगे?
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उत्तर: घरों में रहें, सुरक्षित रहें। आपकी सहूलियत के लिए सरकार ने छूट दी है, कोरोना ने नहीं। इसलिए गंभीर नागरिक बनें और मास्क लगाएं, हाथों को सैनिटाइज करते रहें। बाहर निकलने पर शारीरिक दूरी का पालन करें। जिन देशों ने इस एडवाइजरी का पालन नहीं किया, वहां के हालात से सीख लें।