कुछ घंटे की बारिश में झील बन गया हिलसा का सूर्य मंदिर परिसर, लोग परेशान
हिलसा सूर्य मंदिर परिसर एवं तालाब हिलसा नगर परिषद के धार्मिक आस्था का सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र है। यहीं पर लोक आस्था का छठ पर्व मनाया जाता है। इस परिसर एवं तालाब के सुंदरीकरण पर नगर प्रशासन अब तक करोड़ों रुपए खर्च कर चुकी है।नगर परिषद प्रशासन डीजल इंजन पंप के सहारे वर्षा के जमा पानी को निकालने में लगी हुई है।

संवाद सहयोगी, हिलसा (नालंदा)। बीते 17 जुलाई को भारत सरकार द्वारा जारी स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 के रिपोर्ट कार्ड में हिलसा नगर परिषद हिलसा ने पूरे बिहार में 20वां एवं नालंदा जिले में नगर परिषद श्रेणी में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। नगर परिषद के मुख्य पार्षद धनंजय कुमार ने इससे नालंदा जिला का नाम राज्य स्तर पर ऊंचा हुआ होने की बात कहते हुए बड़ी उपलब्धि बताया था। लेकिन बीती रात से हो रही बर्षा ने नगर परिषद को गौरवान्वित करने वाली इस उपलब्धि पर पानी फेर दिया है।
बता दें नगर परिषद का सबसे महत्वपूर्ण वार्ड 16 के सूर्य मंदिर परिसर वर्षा के पानी से पूरी तरह से डूब गया है। इस जल जमाव से लोगों को मंदिर में पूजा करने एवं एस यू कॉलेज में जाने के लिए लोगों को इस गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है। इस जल जमाव का सबसे बड़ा कारण अब तक पानी के निकास के लिए नाली नहीं होना है। अब नगर परिषद प्रशासन डीजल इंजन पंप के सहारे वर्षा के जमा पानी को निकालने में लगी हुई है।
नाली का अभाव समस्या का मूल कारण
हिलसा सूर्य मंदिर परिसर एवं तालाब हिलसा नगर परिषद के धार्मिक आस्था का सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र है। यहीं पर लोक आस्था का छठ पर्व मनाया जाता है। इस परिसर एवं तालाब के सुंदरीकरण पर नगर प्रशासन अब तक करोड़ों रुपए खर्च कर चुकी है। लेकिन परिसर के पूर्वी भाग पर बने मकानों के गंदे पानी के निकास के लिए अब तक नाला का निर्माण नगर परिषद प्रशासन द्वारा नहीं कराया जा सका है। इसके पीछे का मूल कारक एक स्थानीय व्यक्ति द्वारा विगत कई वर्षों से विरोध किया जाना है। स्थानीय लोगों की शिकायत पर भी प्रशासन अब तक कोई कार्रवाई अब तक नहीं कर सकी है। मामला जिला प्रशासन के पास लटका हुआ है।
वार्ड पार्षद ने कहा
एक व्यक्ति द्वारा सरकारी जमीन को अतिक्रमित कर पानी के निकास को बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि नाला बनाए जाने वाले जमीन पर तो उन्होंने अतिक्रमण किया ही है। मकान के पीछे के जल निकास वाली खाई को भी अब मिट्टी भर कर कब्जा में ले लिया है। वर्ष 2016 में मेरे आवेदन पर हिलसा अंचल द्वारा जमीन की मापी कराई गई थी। उसे माफी रिपोर्ट में जमीन अतिक्रमण किए जाने की बात कही गई थी। स्थानीय लोगों ने भी इसके शिकायत अनुमंडल से लेकर जिला स्तर पर कर रखा है। लेकिन अतिक्रमण मुक्त कराकर नाला निर्माण कराने की दिशा में प्रशासन द्वारा कोई पहल नहीं किया जा रहा है। पहले जो थोड़ा नाला बना हुआ था, वह भी बंद कर दिया गया है और नगर प्रशासन वर्षा का पानी निकालने के नाम पर सरकारी धनराशि का दुरुपयोग कर रही है।
विजय कुमार विजेता, हिलसा नगर परिषद के वार्ड संख्या 16 के पार्षद
मुख्य पार्षद ने कहा
नाला नहीं बनने का मुख्य कारण जमीन अतिक्रमण का मामला है। स्थानीय लोगों की मांग है कि अतिक्रमण मुक्त कर नाला बनाया जाए। नगर परिषद उस भाग को छोड़कर नाला बनाने के लिए तैयार है।
धनंजय कुमार, मुख्य पार्षद
कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा
नाला नहीं रहने के कारण जल जमाव की समस्या उत्पन्न हो रही है। पानी को निकालने के लिए डीजल पंप सेट लगाया गया है। नाला निर्माण के लिए विचार किया जा रहा है।
रविशंकर प्रसाद, नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी

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