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राज्यपाल फगु चौहान करेंगे कन्वेंशन हॉल में आयोजित होने वाले दो दिवसीय धम्म सम्मेलन का उद्घाटन

* नालंदा विश्वविद्यालय के तत्वावधान में 5वां अंतर्राष्ट्रीय धर्म धम्म सम्मेलन का होगा आयोजन *सम्मेलन का उदघाटनकर्ता राज्यपाल लाल जी टंडन व मुख्य अतिथि होंगे केन्द्रीय यूवा तथा खेल राज्य मंत्री किरण रिजिजूकुलपति सुनैना देवी फोटो- कुलपति सुनैना देवी संवाद सहयोगी राजगीर- अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर के मुख्य सभागार में आगामी 27 से 2

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Jul 2019 07:33 PM (IST)Updated: Thu, 25 Jul 2019 07:33 PM (IST)
राज्यपाल फगु चौहान करेंगे कन्वेंशन हॉल में आयोजित होने वाले दो दिवसीय धम्म सम्मेलन का उद्घाटन
राज्यपाल फगु चौहान करेंगे कन्वेंशन हॉल में आयोजित होने वाले दो दिवसीय धम्म सम्मेलन का उद्घाटन

राजगीर : 5वां अंतर्राष्ट्रीय धम्म सम्मेलन के आयोजन की तैयारी को लेकर नालंदा विश्वविद्यालय पूरी तरह मुस्तैद है। 27 एवं 28 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन हॉल के सभागार में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन में देश-विदेश के कई ख्याति प्राप्त लोग मौजूद होंगे। श्रीलंका के वायंबा विकास तथा बुद्धास्साना मंत्री जेमिनी जयाविक्रमा परेरा और भूटान के गृह एवं संस्कृति मंत्री लियोंपो शेरब, ग्याल्त्सेन विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद होंगे। वहीं 11 देशों के 250 प्रतिष्ठित विशेषज्ञ तथा विद्वान  इस सम्मेलन में शिरकत करेंगे। सम्मेलन के दौरान अकादमिक विषय पर चर्चा की जाएगी। इस संबंध में कुलपति प्रो. सुनैना सिंह नें कहा कि यह आयोजन सेंटर ऑफ स्टडी ऑफ रिलीजन एंड सोसाइटी, इंडिया फाउंडेशन नई दिल्ली के सहयोग से नालंदा विश्वविद्यालय करेगी। जिसका उद्घाटन बिहार के महामहिम राज्यपाल फगु चौहान करेंगे। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में केन्द्रीय युवा मामले तथा खेल राज्य मंत्री किरण रिजिजू मौजूद होंगे। सम्मेलन का विषय धर्म धम्म परंपराओं में संत चित्त आनंद एवं निर्वाण की प्राप्ति होगा। जिसमें पूज्य स्वामी श्री अवधेशानंद गिरि जी अपने आध्यात्मिक वचनों और विचारों से श्रोताओं को अभीभूत करेंगे। कुलपति ने हर्ष जताते हुए कहा कि यह एक अनोखा सम्मेलन होगा। जिसमें दुनिया भर के विद्वानों का सानिध्य, शैक्षणिक अवसरों की जानकारी तथा सांस्कृतिक अनुभवों का आदान-प्रदान होगा। उन्होंने सम्मेलन के विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिदू व बौद्ध परंपराओं में निहित सत, चित्त, आनंद व निर्वाण के समग्र रूप को प्रस्तुत करने वाले सूक्ष्म और दार्शनिक जटिलताओं को समझने का एक प्रयास है। यह बौद्ध आसियान देशों तथा दक्षिण पूर्व एशिया से विचारों को आत्मसात करते हुए विविध वैचारिक ²ष्टि के नए क्षितिज उद्घाटित करने वाला है। जो कि पारस्परिक मूल्यों के साथ हमारे नैसर्गिक साझेदारी को भी इंगित करता है। कहा कि इस सम्मेलन में दुनिया भर के लब्धप्रतिष्ठित विद्वान, शोधकर्ता व प्रतिभागी शामिल होंगे। सम्मेलन के उद्देश्य को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि विभिन्न ²ष्टिकोणों से वास्तविकता, ज्ञान तथा मूल्यों के आयामों के सभी कसौटी पर खरा उतरना है। ताकि मानव और लौकिक अस्तित्व के मूलगत स्वभाव, अर्थ एवं महत्व को समझा जा सके।

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