सरकार का नया आदेश शादीशुदा महिलाएं मायके से बनवाएं जाति प्रमाण पत्र, हो रही परेशानी
सरकार के दिशा-निर्देश के बाद ब्याहता लड़कियों को जाति प्रमाण पत्र बनाने में भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिये पांच हजार से दस हजार रुपए तक खर्च करने पड़ रहे हैं। बता दें कि राज्य सरकार ने सभी ब्लॉक ऑफिस को एक पत्र भेज कर कहा है कि किसी भी जाति
सिलाव : सरकार के दिशा-निर्देश के बाद ब्याहता लड़कियों को जाति प्रमाण पत्र बनाने में भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिये पांच हजार से दस हजार रुपए तक खर्च करने पड़ रहे हैं। बता दें कि राज्य सरकार ने सभी ब्लॉक ऑफिस को एक पत्र भेज कर कहा है कि किसी भी जाति की शादीशुदा लड़कियों का जाति प्रमाण पत्र उसके पिता के घर पर से यानी महिला के मायके से बनाना होगा। क्योंकि पिता की जाति से ही पुत्री की जाति मानी जाएगी। इस आदेश के बाद शादीशुदा लड़कियों का जाति प्रमाण पत्र ससुराल में बनना बंद हो गया। जिससे महिलाओं में सरकार और अधिकारियों के प्रति काफी आक्रोश है। सिलाव ब्लॉक में जाति प्रमाण पत्र बनाने आईं रेशमी कुमारी, रागणी देवी, रीना देवी, अंजू देवी, मनिला मेहता, मेनका सिन्हा ने बताया कि हमलोग का पिता का घर यानी नैहर किसी का झारखंड, किसी का उड़ीसा, कोलकाता, दिल्ली, पंजाब है तो क्या हम लोग वहां जाकर जाति प्रमाण पत्र बनवाएंगे। कई महिलाओं ने यह भी बताया कि कि ब्लॉक के कर्मचारी और अधिकारी जिस महिला का जितना दूर मायके है उस हिसाब से पैसे लेकर जाति प्रमाण पत्र बना कर दिया जा रहा है। सरकार के इस नियम से ब्लैक के कर्मी मालामाल हो रहे है। इस संबंध में पूछे जाने पर सिलाव के बीडीओ डा.अंजनी कुमार ने बताया कि सरकार कि जो चिट्ठी मिली है उसमें साफ लिखा है कि शादीशुदा लड़की का जाति प्रमाण पत्र पिता के घर यानर लड़की के नैहर मे ही बनेगा। पैसा लेकर शादीशुदा लड़की का प्रमाण पत्र बनाने की बात बिल्कुल गलत है।
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