Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शहर स्मार्ट बनने के बाद भी नईसराय से स्टेशन रोड की हालत काफी जर्जर

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 15 Jul 2022 11:29 PM (IST)

    स्मार्ट सिटी बनने के तीन साल बाद भी वार्ड 28 की नईसराय से स्टेशन रोड़ तक की सड़कें नहीं बनी। टूटी-फूटी सड़कों के बीच बड़े-बड़े गड्ढे से होकर लोगों को स्टेशन तक की दूरी तय करना मजबूरी बन गई है। यही नहीं टूटी सड़कों के बीच लोगों के घरों के नाले से निकलने वाली पानी सड़क पर ही गिराये जाते हैं जिस कर एनसीसी रोड की स्थिति और भी दयनीय है।

    Hero Image
    शहर स्मार्ट बनने के बाद भी नईसराय से स्टेशन रोड की हालत काफी जर्जर

    बिहारशरीफ (नालंदा) । स्मार्ट सिटी बनने के तीन साल बाद भी वार्ड 28 की नईसराय से स्टेशन रोड़ तक की सड़कें नहीं बनी। टूटी-फूटी सड़कों के बीच बड़े-बड़े गड्ढे से होकर लोगों को स्टेशन तक की दूरी तय करना मजबूरी बन गई है। यही नहीं टूटी सड़कों के बीच लोगों के घरों के नाले से निकलने वाली पानी सड़क पर ही गिराये जाते हैं जिस कर एनसीसी रोड की स्थिति और भी दयनीय है। वार्ड में विकास की जानकारी लेने जैसे ही जागरण की टीम पहुंची लोगों ने अपनी पीड़ा सुनाते हुए कहा कि जर्जर सड़क के बीच जल-जमाव होने से इस वार्ड का अधिकांश भाग नरक में तब्दील हो जाता है। बरसात के दिनों में तो इस मार्ग की स्थिति ऐसी हो जाती है कि लोगों को पता ही नहीं चलता कहां सड़क टूटी है या सड़क के बीच गड्ढे हैं। ऐसे में कई बार लोग बाइक से दुर्घटना का शिकार भी हो जाते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    संकीर्ण गलियों में पशुओं का अतिक्रमण

    वार्ड 28 में गौरागढ़ मोहल्ला में बनी संकीण गलियों पर पशुओं का अतिक्रमण है। इस कारण इस मार्ग से गुजरने वाले लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस मोहल्ले में अधिकांश लोग पशुपालन कर अपनी जीविका चलाते हैं और उनके पास पशुओं को रखने के लिए अलग से जगह नहीं है इस कारण अधिकांश पशु गलियों में ही पशु बांधे जाते हैं। हालांकि लोग गलियों की सफाई भी नियमित करते हैं लेकिन पशु बंधे होने के कारण लोगों के आवागमन में काफी परेशानी होती है।

    40 प्रतिशत लोगों को ही मिल रहा नल का जल

    इस वार्ड में नल-जल योजना के तहत 90 प्रतिशत लोगों के घरों तक पाइप लाइन पहुंचा दिया गया है लेकिन वर्तमान में 40 प्रतिशत घरों में जल का आपूर्ति हो रही है। वार्ड में बने पांच वाटर स्टैंड पोस्ट से ही लोगों की प्यास बुझती है। सुबह होते ही स्टैंड पोस्ट पर लोगों की भीड़ लग जाती है।

    गौढ़ागढ़ निवासी दीपू कुमार कहते हैं पाइप लाइन बिछने के बावजूद घरों में पानी नहीं पहुंचता है। कहा यदि स्टैंड पोस्ट नहीं होता तो लोगों को इस भीषण गर्मी में प्यास बुझाने के लिए कही दूसरे पर निर्भर होना पड़ता।

    सुनील मालाकार कहते हैं कि यहां के अधिकांश गलियों में पशुपालकों का कब्जा है। कई बार स्थानीय लोगों ने विरोध किया पर इसका कोई असर नहीं हुआ। गलियों के अतिक्रमण होने से सबसे ज्यादा स्कूल जाने वाले बच्चों को परेशानी होती है। कई बार स्कूल पहुंचने से पहले ही उनका ड्रेस गंदा हो जाता है।

    पूनम देवी कहतीं हैं कि इस वार्ड में कोई दिक्कत नहीं है लेकिन साफ-सफाई की स्थिति बेहतर नहीं है। वार्ड पार्षद सफाई तो कराते हैं पर लेवर की कमी के कारण इस क्षेत्र की आधी आबादी में सफाई बेहतर नहीं हो पाता है।

    निवर्तमान वार्ड पार्षद संजय कुमार कहते हैं कि इस वार्ड में पानी की सबसे बड़ी समस्या थी जिसे नगर निगम प्रशासन से मिल कर इस वार्ड में हर टोला में पांच स्टैंड पोस्ट बनवा दिए जिससे पानी की समस्या लगभग दूर हो गई। उन्होंने कहा कि इस वार्ड में सबसे खराब स्थिति नईसराय मोड़ से स्टेशन रोड तक की है। यूं कहें तो सड़क है ही नहीं। स्मार्ट सिटी बनने के बाद कई बार निगम बोर्ड की बैठक में सड़क का मुद्दा उठाया गया पर इस समस्या का समाधान नहीं निकला। उन्होंने कहा कि यदि एक घंटे बारिश हो जाए तो अधिकांश सड़कों पर से गुजरना मुश्किल हो जाता है। सड़कों के बीच में बड़े-बडे गड्ढे होने के कारण उसमें पानी भर जाता है और कई बार लोग दुर्घटना के भी शिकार हो जाते हैं। इसके अलावा इस वार्ड में आबादी के हिसाब से सफाईकर्मी भी काफी कम है। इस कारण हर जगह नियमित सफाई नहीं होती है।

    2011 की जनगणना के अनुसार आबादी : 5000

    वर्तमान में आबादी : 5749

    वोटर : 4400

    सफाईकर्मी : 07

    स्टैंड पोस्ट : 05

    सामुदायिक भवन : 00

    मुख्य समस्या : जर्जर सड़क पर जल-जमाव