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    नालंदा विश्वविद्यालय में भारत और विश्व की नई रूपरेखा पर विचार-विमर्श

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 08 Feb 2021 11:40 PM (IST)

    बिहारशरीफ। इंडिया एंड द कॉन्टूर्स ऑफ द इंडिया एंड द कॉन्टूर्स ऑफ द न्यू व‌र्ल्ड विषय पर नालंदा विश्वविद्यालय के मीनी ऑडिटोरियम में सोमवार को एक समारोह ...और पढ़ें

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    नालंदा विश्वविद्यालय में भारत और विश्व की नई रूपरेखा पर विचार-विमर्श

    बिहारशरीफ। इंडिया एंड द कॉन्टूर्स ऑफ द इंडिया एंड द कॉन्टूर्स ऑफ द न्यू व‌र्ल्ड विषय पर नालंदा विश्वविद्यालय के मीनी ऑडिटोरियम में सोमवार को एक समारोह का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता इंडियन काउंसिल ऑफ फिलॉसिफिकल रिसर्च के अध्यक्ष प्रो. रमेश चंद्र सिन्हा ने की। वहीं, इस चर्चा के मुख्य वक्ता राम माधव ने सर्वप्रथम कुलपति प्रो. सुनैना सिंह द्वारा नालंदा विश्वविद्यालय के इस नवीन परिसर के निर्माण एवं आकादमिक संरचना की स्थापना के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रथम एवं द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पूरा विश्व दो ध्रुवों में बंट गया था। लेकिन, भारत अपनी निष्पक्षता पर अडिग रहा। उन्होंने कहा कि अब समय तेजी से बदल रहा है। ध्रुवीकरण के मायने भी बदल रहे हैं। इस संदर्भ में उन्होंने बताया कि 21वीं शताब्दी में विश्व हेट्रो पोलोराइजेशन की तरफ बढ़ रहा है। उन्होंने चीन, अमेरिका, रूस और ब्रिटेन का उदाहरण देते हुए कहा कि अब दुनिया एकल ध्रुवीकरण पर चल पड़ा है। अगर, भारत को दुनिया के अग्रणी देशों की कतार में शामिल होना है तो उसे अपनी शक्ति को पहचानना होगा और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना होगा। उन्होंने चर्चा के दौरान फेसबुक और ट्यूटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की बढ़ती ताकत और उनके ध्रुवीकरण का भी जिक्र किया। उन्होंने आनेवाले दिनों में जलवायु परिवर्तन, सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवा और तकनीक जैसे मुद्दे दुनिया भर में सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाले मुद्दे पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने चीन की नीतियों का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि चीन किस तरह से अपने तानाशाह रवैये और बेहतर आर्थिक स्थिति के दम पर एक नई दुनिया स्थापित करना चाहता है। उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि अगर भारत को दुनिया का नेतृत्व करना है तो उसे हर हाल में आत्मनिर्भर होना ही होगा। वहीं, प्रो. रमेश चन्द्र सिन्हा ने कोरोना काल के बाद नई विश्व व्यवस्था के संदर्भ में तीन बिदुओं की ओर ध्यान आकृष्ट कराया। उन्होंने स्व-अस्तित्व, भौतिक दूरी एवं करुणा को जरूरी बताया। उन्होंने नई विश्व व्यवस्था के उदय में भारतीय दृष्टि की आत्मबोध की अवधारणा के बारे में भी बताया। कुलपति प्रो.सुनैना सिंह ने दोनों अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए राम माधव जी के विचारों की सराहना की और उनके विचारों की वस्तुनिष्ठता पर जोर दिया नालंदा विश्वविद्यालय में भारत और विश्व की नई रूपरेखा पर चर्चा की न्यू व‌र्ल्ड विषय पर नालंदा विश्वविद्यालय के मिनी ऑडिटोरियम में सोमवार को एक चर्चा समारोह का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता राम माधव ने सर्वप्रथम कुलपति प्रो.सुनैना सिंह द्वारा नालंदा विश्वविद्यालय के इस नवीन परिसर के निर्माण एवं अकादमिक संरचना की स्थापना के प्रयासों की सराहना की। प्रोफेसर सुखबीर सिंह ने राम माधव जी की पुस्तक बिकाउज इंडिया कम्स फ‌र्स्ट के बारे में बताया। नालंदा विश्वविद्यालय के प्रो. आनंद सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। इस दौरान नव नालंदा महाविहार के शिक्षक, सीआरपीएफ के अधिकारी विश्वविद्यालय परिवार के सभी शिक्षक, कर्मचारी, रजिस्ट्रार, फाइनेंस ऑफिसर उपस्थित थे।

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