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    स्वच्छता की दौड़ में बिहारशरीफ फिर फिसड्डी, 382 शहरों में 374वां स्थान

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 20 Aug 2020 11:04 PM (IST)

    अधिकारी और जनता की रायशुमारी से ही सुधर सकती है स्वच्छता की स्थिति ...और पढ़ें

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    स्वच्छता की दौड़ में बिहारशरीफ फिर फिसड्डी, 382 शहरों में 374वां स्थान

    जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ: स्मार्ट सिटी की दौड़ में चयनित होने की उपलब्धी हासिल करने वाले बिहारशरीफ शहर में स्वच्छता का हाल हैरान करने वाला है। देश में दस लाख से कम आबादी वाले 382 शहरों में बिहारशरीफ 374वें पायदान पर रहा। जिससे सच्चाई खुले में आ गई। सोचनीय स्थिति है कि बिहारशरीफ की रैंकिग अंतिम पायदान से महज आठ कदम ही दूर रह सकी। इस परिणाम से यह स्पष्ट हो चुका है कि हम स्वच्छता के मामले में आज भी गंभीर नहीं हैं। अधिकारियों की स्वच्छता के मामले में सुस्ती व जनता में जागरूकता के अभाव के कारण ही शहर की स्थिति बदहाल हो रही है।

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    मालूम हो कि बिहारशरीफ का स्मार्ट सिटी के चौथे राउंड में चयन हुआ था। चयन का पैमाना वोटिग के साथ स्वच्छता तथा पेयजल की समुचित व्यवस्था थी। लेकिन दो-तीन साल में ही स्वच्छता रैंकिग में बिहारशरीफ शहर का यह बुरा हाल हो गया। स्वच्छता की इस कमी के लिए कुछ लोग नगर निगम को कोस रहे हैं तो कुछ लोगों की बिगड़ी आदतों को शहर की अस्वच्छता का कारण मान रहे हैं। कारण कुछ भी हो लेकिन इतना तो तय है कि बिना जागरूकता तथा विभागीय सख्ती के स्वच्छता को धरातल पर नहीं उतारा जा सकता।

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    शहर की स्वच्छता के लिए कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था को करना होगा सु²ढ़

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    राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में शहर को ऊंचे पायदान पर रखने के लिए शहर की साफ-सफाई के साथ कूड़े का निस्तारण तथा जल निकासी का समुचित प्रबंध एक बड़ा मानक है। लेकिन स्मार्ट बनते इस शहर में न तो कूड़ा निस्तारण का अब तक कोई प्रबंध किया गया और न ही जल निकासी के लिए माकूल ड्रेनेज सिस्टम ही मौजूद है। शहर के स्मार्ट सूची में शामिल हुए दो वर्ष की लंबी अवधि बीत चुकी है लेकिन अब तक काम शून्य है। इस सुस्ती के लिए कभी कंपनी पर ठीकरा फोड़ा जा रहा है तो कभी रकम आवंटन की कमी को कारण बताया जा रहा है।

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    पिछले सर्वे में बिहारशरीफ को मिला था 435 शहरों में मिला था 391वां स्थान

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    संसाधनों की कमी, प्रचार-प्रसार का अभाव तथा शहरवासियों में उत्साह की कमी इस कदर भारी पड़ी कि हमारा शहर स्वच्छता के मामले में 382 शहरों में 374वें स्थान पर आ खड़ा हुआ। वहीं वर्ष 2018 के स्वच्छता सर्वेक्षण सूची में बिहारशरीफ को 391वां स्थान मिला था। उस वक्त सर्वे में लगभग 435 शहर शामिल हुए थे।

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    निगम के दावे की खुल गई पोल

    नगर निगम साफ-सफाई के लिए लगातार अभियान चलाए जाने का दावा करती रही है। लेकिन ताजा सर्वेक्षण निगम के तमाम दावों का पोल खोल रहा है। स्वच्छता सर्वेक्षण में हमारा शहर इतनी बुरी तरह पीट जाएगा शायद इसकी कल्पना भी किसी ने नहीं की होगी।

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    स्मार्ट सिटी की दौड़ में बिहार के चार शहरों को शामिल किया गया था। जिसमें दस लाख से कम आबादी वाले तीन शहर मुजफ्फरपुर, बिहारशरीफ तथा भागलपुर को स्वच्छता सर्वेक्षण में शामिल किया गया। जिसमें मुजफ्फरपुर 1803.87 अंक के साथ 299 पायदान पर रहा, वहीं भागलपुर 982.18 अंक के साथ 379 स्थान पर रहा। बिहारशरीफ 1094.15 अंक के साथ 376वें स्थान पर रहा। आश्चर्य की बात तो है कि स्वच्छता की इस दौड़ में बिहार का एक भी शहर 100वें पायदान में शामिल नहीं हो सका।

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    स्वच्छता को बेहतर बनाने का प्रयास हो रहा : नगर आयुक्त

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    नगर आयुक्त सह स्मार्ट सिटी के सीईओ अंशुल अग्रवाल ने कहा कि सर्वेक्षण 2019 का ही है। उनके पदभार ग्रहण करने के बाद शहर में स्वच्छता की स्थिति पहले से बेहतर हुई है और सुधार की कोशिश की जा रही है। कहा कि कचरा प्रबंधन कार्य को रास्ते पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। डंपिग जोन के पास कचरे से खाद निर्माण का कार्य आरंभ है।