भूटान के पीएम ने किया रोयाल भूटान बौद्ध मंदिर का उद्घाटन, आध्यात्मिक तौर पर भारत-भूटान मैत्री का प्रतीक
उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर रहे भूटान के प्रधानमंत्री दशो शेरिंग टोबगे अतिविशिष्ट अतिथि केंद्रीय संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक मंत्री किरण रिजिजू भूटान राजसंघ के मुख्य बौद्ध भिक्षु जे खेपों ने मन्दिर शिलापट का अनावरण व मंदिर गर्भगृह में बुद्ध प्रतिमा संपर्क बौद्ध सूत्र-शृंखला-धागे को स्पर्श कर विधिवत रूप से किया।

संवाद सहयोगी राजगीर(नालंदा)। नवनिर्मित रोयाल भूटान बौद्ध मंदिर की स्थापना सह बौद्ध सह अर्हंत पूजा क्रम में गुरुवार को रोयाल भूटान बौद्ध मंदिर का उदघाटन समारोह संपन्न हुआ। जिसका उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर रहे भूटान के प्रधानमंत्री दशो शेरिंग टोबगे, अतिविशिष्ट अतिथि केंद्रीय संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक मंत्री किरण रिजिजू, भूटान राजसंघ के मुख्य बौद्ध भिक्षु जे खेपों ने मन्दिर शिलापट का अनावरण व मंदिर गर्भगृह में बुद्ध प्रतिमा संपर्क बौद्ध सूत्र-शृंखला-धागे को स्पर्श कर विधिवत रूप से किया।
भूटान के प्रधानमंत्री दशो शेरिंग टोबगे ने कहा कि भारत-भूटान के बीच, सदियों से विश्वास, सांस्कृतिक भाईचारे और करुणा एवं शांति के शाश्वत मूल्यों से पोषित हैं। जिनकी शिक्षा स्वयं भगवान बुद्ध ने इसी पवित्र भूमि पर दी है। मैं व्यक्तिगत तथा भूटान सरकार की ओर से, इस मंदिर के निर्माण के लिए भूमि प्रदान करने में बिहार सरकार की उदारता के लिए आभार व्यक्त करता हूं।
सीएम नीतीश कुमार द्वारा भारत तथा भूटान द्वारा संयुक्त तत्वावधान में, घरेलू सह मित्रता के 50वें वर्षगांठ के उपलक्ष्य के तहत राजगीर में भूटान बौद्ध मंदिर स्थापना कई आधारशिला नवंबर 2018 में रखी गई थी। हमारे दोनों राष्ट्र न केवल भौगोलिक रूप से जुड़े हुए हैं। बल्कि इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारे बीच घनिष्ठ मित्रता का अटूट बंधन हैं।
मैत्री के इस मंदिर को राजगीर में एक स्थान मिलना और इस मंदिर का रखरखाव मेरे लिए एक सौभाग्य के साथ एक गंभीर ज़िम्मेदारी भी है। जो भगवान बुद्ध द्वारा सिखाए गए धर्म के प्रकाशस्तंभ द्वारा और शांति चाहने वाले सभी लोगों के लिए बुद्ध और भारत के बीच सुंदर मित्रता सह प्रार्थना व चिंतन का एक अभयारण्य।
उन्होंने आगे कहा कि यह मंदिर वास्तव में एक लकड़ी के पत्थर की संरचना से कहीं अधिक है। यह हमारी शाश्वत शांति और मित्रता का जीवंत प्रतीक है। इसकी नींव हमारे दोनों देशों के बीच के बंधन को हमेशा के लिए मजबूत करेगी। जो करुणा और शांति के संदेश को आने वाली पीढ़ियों के लिए एक शाश्वत वसीयतनामा के रूप में आगे बढ़ाएगी।
केंद्रीय संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि राजगीर हमारे देश के लिए ही नहीं। दुनिया का बहुत बड़ा बौद्ध केंद्र है। और पवित्र धरती इस राजगीर में भूटान के प्रधानमंत्री और उनके सबसे बडे धर्मगुरु मंदिर उद्घाटन के क्रम दोनों का आगमन भारत-भूटान के आध्यात्मिक संबंध को गहरा बनाया है।
धार्मिक हो राजनीतिक हो और हमारे दोनों देशों के जनता के बीच के संबंध को मजबूत करने का एक प्रतीक है। उन्होंने पीएम मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र में यूनाइटेड नेशन में दिए संदेश पर कहा कि, भारत ने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिया है। तो यह बुद्ध का देश है यह सनातनी देश है। यहां राजगीर से हम दुनिया को शांति का संदेश प्रसारित कर रहे हैं। राजगीर बुद्ध की तपोभूमि और प्रवास स्थली रही है।गया-राजगीर-नालंदा आने वाले स्वयं को धन्य मानते हैं।
इस दौरान शिक्षा मंत्री सुनिल कुमार ने कहा कि ऱोयाल भूटान बौद्ध मंदिर की स्थापना से भारत व भूटान के गहरी मित्रता और बेहद मजबूत होगी। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन नगरी राजगीर में बौद्ध सर्किट को लेकर सभी सुविधाएं बहाल करने को लेकर, सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व अनेक योजनाओं परियोजनाओं पर काम जारी है।
समारोह के दौरान भूटान के परम पावन बौद्ध धर्मगुरु थे खेपों, मंत्री किरण रिजिजू व भूटान के प्रधानमंत्री दशो शेरिंग टोबगे सहित सभी लामाओं ने नवनिर्मित मंदिर की परिक्रमा की। बौद्ध पूजा के दौरान लाख बौद्ध धर्म मंत्र सूत्र का पाठ जारी रहा। वरीय कनीय बौद्ध लामाएं शामिल हुए।
वहीं भूटान के पारंपरिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम की एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी गई। इस दौरान भूटान के राजदूत, कोलकाता स्थित भूटान वाणिज्य दूतावास के काउंसलेट जनरल तथा भारत के भूटान में राजदूत सुधाकर दलेला मौजूद रहे।
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