पराली जलाने वाले किसानों पर एक्शन, पंजीकरण 3 साल के लिए ब्लॉक; नहीं मिलेगा सरकारी अनुदान
पराली जलाने वाले किसानों पर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। उनका पंजीकरण तीन साल के लिए ब्लॉक कर दिया गया है, जिससे वे सरकारी अनुदान से वंचित हो जाएंगे। ...और पढ़ें

पराली जलाता किसान। फाइल फोटो
संवाद सूत्र, बेन। सरकार इस बात पर जोर दे रही है कि किसान खेतों में धान की फसल के अवशेष को नहीं जलाएं। ऐसा करते पकड़े जाने पर 3 वर्ष तक किसान के पंजीकरण को ब्लाक कर दिया जाएगा और सरकारी अनुदान से किसानों को वंचित कर दिए जाने का प्रावधान है।
इसी के मद्देनजर अनदेखी कर खेतों में पराली जलाने के मामले को लेकर बेन प्रखंड के कृषि विभाग के पदाधिकारी व अधिकारी सख्त होकर प्रखंड क्षेत्र में दर्जनों किसानों का पंजीकरण तीन वर्षों के लिए ब्लॉक कर मिलने वाली सरकारी अनुदान से वंचित कर दिया गया है।
प्रखंड कृषि पदाधिकारी कृष्ण मुरारी ने बताया कि खेतों में पराली जलाने पर पूर्णत: रोक है। बावजूद किसान अनदेखी कर रहे हैं और खेतों में पराली जलाकर फसलों के मित्र को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उर्वरा शक्ति प्रभावित होती है।
प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र अन्तर्गत सभी पंचायतों के एक या दो किसानों का पंजीकरण तीन वर्षों के लिए ब्लॉक किया गया है और तीन वर्षों के लिए कृषि विभाग से मिलने वाली अनुदान से वंचित कर दिया गया है।
कृषि पदाधिकारी ने यह भी बताया कि पराली जलाने वाले अन्य किसानों का सत्यापन किया जा रहा है। उन्होंने किसानों से अपील की है, जो भी किसान कृषि विभाग से अनुदानित बीज प्राप्त कर रहे हैं वैसे किसानों का किसान सलाहकार व कृषि समन्वयक द्वारा खेतों पर जाकर सत्यापन भी कराया जाएगा, ताकि बीजों का सदुपयोग किया गया है या नहीं। बीजों का उपयोग करें दुरुपयोग नहीं।
तेल प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के इच्छुक किसान जल्द करें चयन : डीएम
बिहारशरीफ जिले में कृषि यंत्र निर्माण का औद्योगिक हब बनाने के लिए पिछले दिनों निर्माताओं के साथ बैठक में उनके समक्ष आने वाले कठिनाइयों के संबंध में डीएम कुंदन कुमार को जिला कृषि पदाधिकारी ने जानकारी दी।
डीएओ ने डीएम को बताया कि जिला राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) के तहत दो तेल प्रोसेसिंग यूनिट लगाने का लक्ष्य शासन से प्राप्त हुए हैं। इस योजना के लिए 33 प्रतिशत अधिकतम नव लाख 90 हजार रुपए प्रति यूनिट की अनुदान देने का प्रावधान निर्धारित है।
इसके लिए डीबीटी पोर्टल आन लाइन आवेदन के लिए खोला गया है। डीएम ने कहा कि जल्द से योग्य किसान का चयन कर प्रोसेसिंग यूनिट लगाने का कार्य प्रारंभ कराएं। इससे रोजगार सृजन एवं औद्योगिक क्षेत्र में बढा़वा मिलेगा।
उन्होंने डीएम को बताया कि यंत्र निर्माताओं ने पिछले दिनों बैठक में बताया था कि उनकी इच्छा बड़े पैमाने पर यंत्र निर्माण प्लांट लगाने की है, लेकिन माकूल जगह की कमी है।
वहीं उद्योग के लिए बिजली आपूर्ति बेहतर होनी चाहिए तथा तीसरी समस्या यह है कि जहां कृषि यंत्र निर्माण के लिए हब बनाई जाय वहां सुलभ सड़क तथा यातायात की व्यवस्था होनी चाहिए।
डीएम ने जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया कि आगामी दस दिसंबर को नूरसराय अवस्थित उद्यान महाविद्यालय सभागार में कृषि यंत्र निर्मताओं, उद्योग महाप्रबंधक तथा जिला अग्रणी बैंक के एलडीएम व अंचलाधिकारी के साथ संयुक्त बैठक आयोजित करें।
खाद्य तेल-तेलहन योजना के तहत जिले में एक बेहतर एवोकाडो नर्सरी विकसित करना है। इस योजना की कुल लागत बीस लाख रुपए है। इस योजना में शत-प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान है। इसलिए इसका लाभ अच्छे प्रगतिशील किसान का चयन कर उनको देने की कार्यवाही अविलंब प्रारंभ कर दें।

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