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    मजदूरी न देने पर जेल का प्रावधान

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    Updated: Sun, 01 Jun 2014 06:36 PM (IST)

    संवाद सहयोगी, हिलसा (नालंदा) : रविवार को हिलसा के महाकाली मंदिर के प्रागण में आयोजित विधिक जागरुकता शिविर में श्रमिकों को संबोधित करते हुए न्यायिक दंडाधिकारी एसके राय ने कहा कि उन्हें अपने अधिकार एवं कानूनों की जानकारी होनी चाहिए। अगर कोई नियोक्ता आपके द्वारा किये गये कार्य की मजदूरी देने से इंकार करता है तो उसे आईपीसी की धारा 406 में जेल का प्रावधान है। इसके लिए आपको श्रमिक न्यायालय, उपभोक्ता न्यायालय या व्यवहार न्यायालय में मामले को दर्ज कराना होगा।

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    बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश के आलोक में अनुमंडलीय विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा बाल श्रमिक कानून से संबंधित जानकारी देने के लिए आयोजित विधिक जागरुकता शिविर को संबोधन में न्यायिक दंडाधिकारी श्री राय ने कहा कि कार्यस्थल पर श्रमिकों को सारी सुविधाएं होनी चाहिए। खासकर महिला श्रमिकों को मिलने वाली हर सुविधाएं मिलनी चाहिए। नियोक्ता यह दायित्व होता है और इससे वह इंकार नहीं कर सकता है। इसलिए श्रमिकों को उनके कार्य से जुड़ी कानूनी जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए शिक्षित होना भी जरूरी है। 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से काम करना कानून अपराध है। बच्चों को जरुर पढ़ायें। बच्चे शिक्षित होंगे तो घर-परिवार के साथ समाज एवं राष्ट्र का विकास होगा। शिविर का संचालन समाजसेवी सत्येन्द्र प्रसाद सिन्हा ने किया। शिविर में नालंदा जिला मजदूर संघ के शिवनाथ प्रसाद, मो. क्यूम समेत सैकड़ों श्रमिकों ने भाग लिया।