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    अलर्ट : बांग्लादेश से फैला व्हीट स्टीम रस्ट, ब्लास्ट व करनाल बंट रोग

    By Ajit KumarEdited By:
    Updated: Fri, 18 Jan 2019 08:40 AM (IST)

    कृषि निदेशक, पटना ने जारी किए दिशा निर्देश। केंद्र सरकार गंभीर, हालात पर नियमित प्रतिवेदन भेजने के निर्देश। जिला स्तर पर रोग से निपटने के लिए बनी निगर ...और पढ़ें

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    अलर्ट : बांग्लादेश से फैला व्हीट स्टीम रस्ट, ब्लास्ट व करनाल बंट रोग

    मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल होता हुआ बिहार के किशनगंज तक गेहूं की फसल बर्बाद करने व्हीट स्टीम रस्ट, व्हीट ब्लास्ट एवं करनाल बंट रोग पहुंच गया है। इसे देखते हुए कृषि निदेशक, पटना ने हाई अलर्ट किया है। राज्य के सभी मंडलों के पौधा संरक्षण पदाधिकारियों को निगरानी और रोकथाम के लिए जुट जाने को कहा है। इस बाबत पत्र लिखा है। इसके अलावा मक्का को नुकसान पहुंचाने वाले कीट के भी प्रकोप पर कृषि निदेशक ने अपने पत्र में उल्लेख किया है।

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    रोग आने का कारण

    विदेशों से आयातित गेहूं के बीजों की गुणवत्ता संदिग्ध भी होती है। इनकी स्थानीय स्तर पर जांच के बाद बोआई होती है। बांग्लादेश से कुछ लोग पश्चिम बंगाल तक ये बीज लाए। इनमें फफूंद लगी थी। पश्चिम बंगाल से ये बीज किशनगंज समेत कई जिलों तक पहुंचा। ऐसे बीज जिले तक बिक्री होने से ब्लास्ट रोग यहां तक आने की आशंका है।

    रोग के लक्षण

    - व्हीट स्टीम रस्ट का प्रकोप होते ही गेहूं के पौधे के तना पर भूरे रंग की उभरी व लंबी-लंबी फफलों सी धारियां होती हैं।

    - व्हीट ब्लास्ट का प्रकोप गेहूं के पौधे की प्रारंभिक अवस्था में होता है। इसका प्रकोप संक्रमित बीज से होता है। संक्रामक रोग हवा से वायरस से एक से दूसरे स्थान पर पहुंचता। पत्तियों पर नाव जैसा धब्बा बनता है।

    - करनाल बंट रोग के प्रकोप में गेहूं की बालियों में दाने के बजाय काले रंग का धब्बा बनने लगता है।

    फॉ कीट के प्रकोप का असर

    फाल आर्मी वर्म (फॉ) नामक कीट मक्के की फसल पर हमला करता है। ये अंग्रेजी के वाई का उलटा जैसा होता है। पौधे के हर हिस्से पर चार-चार काले धब्बे होते हैं।

    जिले से प्रखंड स्तर तक टीम गठित

    तिरहुत प्रमंडल के उप निदेशक पौधा संरक्षण गोपाल शरण ने बताया कि प्रमंडल से लेकर जिला तक विभाग हरकत में आ गया है। इसके लिए समितियों का गठन हो गया।

    केंद्र सरकार ने मांगी रिपोर्ट

    जिला पौधा संरक्षण पदाधिकारी अरुण कुमार ने बताया कि इन रोगों व फॉ कीट के प्रकोप को लेकर जिले से लेकर प्रखंड स्तर पर निगरानी रहेगी। कृषि विश्वविद्यालय पटना से मार्गदर्शन लिया जाएगा। हालात पर केंद्र सरकार के निर्देश पर नियमित प्रतिवेदन भेजा जाएगा। केंद्रीय टीम भी यहां आएगी।