दरभंगा के रामनगर पंचायत में बारह लाख खर्च के बाद भी नहीं टपका नल से जल
Darbhanga Newsजिलाधिकारी के आदेश के बाद बिरौल एसडीओ द्वारा की गई जांच में सामने आई बात सात महीनों से प्रभार के लिए भटक रहे वर्तमान वार्ड सदस्य। बिहार सरकार की ओर से नल का जल योजना पर दिया जा रहा विशेष जोर।

दरभंगा (बिरौल), जासं। प्रखंड की रामनगर पंचायत के वार्ड-11 में नल-जल योजना पर 12 लाख रुपये खर्च हो जाने के बादल भी नल से पानी नहीं टपका है। लोगों को पानी नहीं मिलने की बात अब सामने आ गई है। इस बीच प्रशासनिक कार्रवाई के डर से शनिवार को मोटर चलाया गया, तो पानी सड़कों पर बहने लगा। इसी बीच जिलाधिकारी राजीव रौशन के निर्देश पर बिरौल के एसडीओ संजीव कुमार कापड़ के नेतृत्व में तीन कनीय अभियंता, बिरौल के प्रखंड विकास पदाधिकारी जांच को पहुंचे।
एसडीओ के नेतृत्व में जांच टीम ने घर-घर जाकर नल-जल योजना का भौतिक सत्यापन किया। घरों में नल नहीं देख अधिकारी हैरान थे। ग्रामीण त्रिवेणी पासवान, सुरेश पासवान और सुबोध पासवान आदि ने अधिकारियों को बताया कि चूंकि पानी ही नहीं आता, इसलिए नल की जरूरत ही नहीं पड़ी। जांच के दौरान पाइप बिछाने में हुई अनियमितता भी उजागर हुई, पूरे वार्ड में पाइप तीन फीट की बजाय मात्र एक फीट की गहराई पर डाली गई है। पाइप में कई जगहों पर लीकेज पाया गया।
वार्ड सदस्य ने कहा- नहीं मिला प्रभार कैसे करें योजना का काम
एसडीओ ने नवनिर्वाचित वार्ड सदस्य से मोटर नहीं चलने की वजह पूछी। वार्ड सदस्य ने बताया कि चूंकि चुनाव के सात माह बाद भी उन्हें प्रभार नहीं मिला है, इसलिए पुराने वार्ड सदस्य ने मोटर चलाने के लिए चाभी भी नहीं सौंपी है। प्रभार नहीं मिलने से वह नल-जल के टूटे-फूटे कामों को भी नहीं करा पा रहे हैं। इस पर एसडीओ ने पुराने वार्ड सदस्य से चाभी लेकर तत्काल उन्हें दी। इस पर नए वार्ड सदस्य ने हैरानी जताई कि चाभी मिल जाने से टूटी-फूटी पाइप कैसे ठीक हो जाएगी।
बता दें कि विनय कुमार के नेतृत्व में ग्रामीणों ने पिछले दिनों जिलाधिकारी से इसकी शिकायत की थी। इस पर जिलाधिकारी राजीव रौशन ने नौ मई को बिरौल के एसडीओ को तीन दिनों में जांच कर रिपोर्ट देने को कहा था। उपरोक्त आलोक में शनिवार को जांच की गई। जांच के बाद लोगों में उम्मीद जगी है कि अब शायद पेयजल उपलब्ध हो सके।
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