Bihar Crime: सीतामढ़ी मेंं दारोगा दिनेश राम हत्याकांड का आरोपित टुकटुक गुजरात से गिरफ्तार
Bihar News मेजरगंज में दारोगा दिनेश राम को दो गोली मारी गई थी। इस घटना में मौके पर चौकीदार को भी गोली लगी थी। वहीं दारोगा की गोली लगने के बाद मौत हो गई थी। इसके बाद से पुलिस बदमाशों को पकड़ने के लिए लगातार सक्रिय थी।
सीतामढ़ी, जागरण संवाददाता। मेजरगंज थाने के दरोगा दिनेश राम हत्याकांड में सीतामढ़ी पुलिस की स्पेशल टीम ने फरार शिवम सिंह उर्फ टुकटुक सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। गुजरात के कच्छ से गुरुवार को इस शातिर की गिरफ्तारी हुई है। एसपी अनिल कुमार ने यह जानकारी दी है। उसको वहां से सीतामढ़ी लाया जा रहा है। मेजरगंज थानाध्यक्ष अशोक कुमार ने बताया कि गिरफ्तार शिवम सहियारा थाना क्षेत्र के महादेव गांव का रहने वाला है। सूत्रों की माने तो शिवम बसबिट्टी गांव निवासी और इस हत्याकांड में पूर्व में गिरफ्तार हो चुके अपराधी अभिषेक सिंह का साथी है। उसके पिता सत्येंद्र प्रसाद सिंह डायन छपरा पंचायत के पूर्व मुखिया हैं। शिवम की गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही उसके पिता की तबियत बिगड़ गई। उनको पटना एम्स में भर्ती कराया गया है। उसकी मां दस साल पूर्व गुजर चुकी हैं।
सीतामढ़ी जिले के मेजरगंज इलाके में कुंवारी मदन गांव में बीते 24 फरवरी को दरोगा की शहादत हुई। पुलिस टीम अवैध शराब बिक्री के मामले में इस गांव में बदमाशों को गिरफ्तार करने गई थी। उन पर तब गोलीबारी की गई, जब वे आरोपियों के छुपे रहने वाले एक घर में प्रवेश कर रहे थे। तब दरोगा दिनेश राम और चौकीदार लाल बाबू पासवान गोलीबारी में घायल हो गए। दरोगा की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई, जबकि चौकीदार लाल बाबू हो गंभीर हालत में एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था।
शिवम के दोस्त अभिषेक ने ही दरोगा को मारी गोली
मेजरगंज की वारदात में दारोगा दिनेश राम व चौकीदार लालबाबू पासवान को गोली मारने में अभिषेक सिंह नामक जिस शख्स का नाम सुर्खियों में रहा गुजरात के कच्छ से गिरफ्तार किया गया शिवम सिंह उर्फ टुकटुक सिंह भी उसी का जिगरी दोस्त बताया गया है। दोनों एक ही थाना क्षेत्र सहियारा के रहने वाले हैं। अभिषेक बसबिट्टी का है तो शिवम महादेव का। हत्या के बाद अन्य तो पकड़े गए मगर शिवम बिहार ही छोड़ चला था। बसबिट्टी गांव के स्व. रामाशंकर सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह ने पुलिसिया पूछताछ में कबूल लिया था कि दारोगा को दो गोली उसने ही मारी। इधर, जख्मी चौकीदार का कहना था कि उसको कुंआरी मदन गांव के रंजन सिंह या मुकुल सिंह में से किसी एक ने गोलियां मारी। चौकीदार को दो गोली एक हाथ में व एक पेट में लगने के बाद वह सीधे अपनी मोटरसाइकिल की तरफ दौड़ा और खुद ही बाइक चलाकर जान लेकर भागा