मुजफ्फरपुर-चंपारण रूट पर दौड़ी वंदे भारत ट्रेन, 52 सेकेंड में पकड़ी 100 की रफ्तार; जानिए खासियत
मुजफ्फरपुर-चंपारण रूट पर चलने वाली नई वंदे भारत ट्रेन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। यह ट्रेन अपनी तेज गति के लिए जानी जाती है, जो केवल 52 सेकंड में 100 किमी/घंटा की रफ्तार पकड़ लेती है, और इसकी ब्रेकिंग प्रणाली इतनी कुशल है कि यह 100 मीटर के भीतर रुक सकती है।

गोपाल तिवारी, मुजफ्फरपुर। मुजफ्फरपुर-चंपारण रूट पर चलने वाली वंदे भारत ट्रेन सुविधाओं से पूरी तरह लैस है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री के हरी झंडी दिखाने एनुग्रल ट्रेन को रवाना किया। 22 जून से नियमित रूप से पटलिपुत्र से मुजफ्फरपुर-चंपारण रूट से गोरखपुर जाएगी और इसी रास्ते से वापस होगी।
पाटलिपुत्र से आने के बाद इस ट्रेन से मुजफ्फरपुर से मोतिहारी तक स्मारिका टिकट पर यात्रा करने का मौका मिला। इस ट्रेन के अंदर, बाहर की खासियत को देखा तो बहुत सारी खुबियों देखने को मिली, जो किसी दूसरी ट्रेन में नहीं देखी।
एक तो इसकी स्पीड इतनी अच्छी है कि महज 52 सेकेंड में ही जीरो से 100 की रफ्तार पकड़ लेती है। दूसरी खासियत यह कि किसी भी मेल-एक्सप्रेस ट्रेन को एकाएक रोकने पर काफी दूर जाकर रुकती है, लेकिन वंदे भारत ट्रेन 100 मीटर में ही रुक जाएगी।
तीसरी खासियत यह कि इस ट्रेन में दोनों तरफ इंजन हैं। तीन से पांच मिनट के अंदर लाेको पायल, सहायक लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर के साथ परिचालन शुरू कर सकते हैं। वहीं अन्य ट्रेनों में करीब घंटे का समय इंजन बदलने में लगता है। इससे समय की बर्बादी के साथ यात्रियों को अधिक समय लगने से परेशानी हो रही।
इस ट्रेन में क्रैश बफर्स, विरूपण ट्यूब और अग्नि अवरोधक दीवार है। ट्रेन में स्वचालित दरवाजे, गद्देदार बर्थ और आनबोर्ड वाईफाई की सुविधा दी गई है। यह उपलब्धि रेलवे के आधुनिकीकरण में एक महत्वपूर्ण छलांग है, जो यात्रियों के लिए बेरोकटोक और शानदार यात्रा का अनुभव कराएगी। आराम, गति और अत्याधुनिक तकनीक पर ध्यान केंद्रित करने के साथ, वंदे भारत ट्रेनें की यात्रा सुखद आनंद दिलाएगी।
लंबी दूरी के लिए इसका स्लीपर वंदे भारत भी आने वाली है। भविष्य में, 24 डिब्बों वाली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का पूरे पैमाने पर उत्पादन 2026-27 में शुरू होगा, जिससे यात्रियों को फायदा के साथ रेलवे प्रौद्योगिकी में भारत की आत्मनिर्भरता और मजबूत होगी।
इस ट्रेन को मुजफ्फरपुर के ट्रेन मैनेजर, लोको पायल, सहयाक लोको पायलट द्वारा पाटलिपुत्र से मुजफ्फरपुर लाया गया। यहां से ले जाने के लिए समस्तीपुर मंडल के लोकोपायलट राजीव रंजन कुमार, सहायक लोको पायलट अरुण कुमार तथ ट्रेन मैनेजर आरए यादव लेकर गोरखपुर गए।
गति और विलासिता के साथ रेल यात्रा में एक नया अध्याय
इन वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों को स्वचालित दरवाजों, बेहद आरामदायक बर्थ, आन बोर्ड वाईफाई और विमान जैसी सुविधाओं के साथ डिजाइन किया गया है। भारत में यात्री पहले से ही मध्यम और छोटी दूरी पर देश भर में चलने वाली 136 वंदे भारत ट्रेनों के माध्यम से रिक्लाइनिंग सीटों और विश्व स्तरीय यात्रा का अनुभव का आनंद ले रहे हैं।
वंदे भारत स्लीपर के साथ, यात्री विश्वस्तरीय सुविधाओं और उन्नत सुरक्षा सुविधाओं से लैस एक शांत, सुगम और अधिक आरामदायक यात्रा कर सकते हैं। मेक इन इंडिया पहल के तहत डिजाइन और निर्मित, यह ट्रेन भारत की इंजीनियरिंग उत्कृष्टता और रेल यात्रा में बदलाव लाने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
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