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    वाल्मीकिनगर गंडक बराज के कई बांध डेंजर जोन में

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 01 Jun 2018 04:26 PM (IST)

    पश्चिमी चंपारण जिले के ऐतिहासिक वाल्मीकिनगर गंडक बराज के कई बांध डेंजर जोन में हैं। इन बांधों में रैट होल की संभावना बनी हुई है। ...और पढ़ें

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    वाल्मीकिनगर गंडक बराज के कई बांध डेंजर जोन में

    मुजफ्फरपुर। पश्चिमी चंपारण जिले के ऐतिहासिक वाल्मीकिनगर गंडक बराज के कई बांध डेंजर जोन में हैं। इन बांधों में रैट होल की संभावना बनी हुई है। एसडीएम की जांच रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। जिलाधिकारी को भेजे गए जांच रिपोर्ट के मुताबिक एफ्लक्स दांये बांध में झाड़ियां उग आई हैं। इस बांध में रैट होल की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।अभियंताओं ने जानकारी दी है कि यदि गंडक नदी का जलस्तर 5 लाख क्यूसेक पार गया तो इस बांध पर खतरा उत्पन्न हो सकता है। बांये गाइड बांध में मानक से विपरीत पत्थरों का उपयोग किया गया है। कुछ यहीं स्थिति अपस्ट्रीम बायां किनारा सुरक्षात्मक बांध का है। इस बांध में कम से कम 6 इंच के पत्थरों का प्रयोग किया जाना चाहिए था। लेकिन कई पत्थर पांच किलो से कम वजनी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 330 से 1126 मीटर चैनेज तक स्लोप निर्माण कार्य अभी भी अधूरा है। विभाग के द्वारा 30 अप्रैल 2018 तक ही इस काम को पूरा कर लिया जाना था। लेकिन काम अभीतक पूरा नहीं हो सका है। दांये चैनल के बांये किनारे पर भी कराए गए कार्य संतोषप्रद नहीं हैं। एसडीएम ने इस बांध की अविलंब मरम्मत की आवश्यकता जताई है। उल्लेखनीय है कि चार दिन पूर्व एसडीएम घनश्याम मीना ने गंडक बराज के फाटकों की जांच की। बीते साल बरसात के दौरान कंट्रोल पैनल से संपर्क भंग हो जाने के बाद बराज के करीब आधा दर्जन फाटक क्षतिग्रस्त हो गए थे। जिन्हें बदला जा चुका है। हालांकि एसडीएम ने अपनी रिपोर्ट में सभी फाटकों के सुरक्षित होने और ठीक ढंग से काम करने की बात कही है।

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