पश्चिम चंपारण में जीएमसीएच में मरीज की मौत पर हंगामा, चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप
पश्चिम चंपारण में परिजनों ने लगाया चिकित्सकों पर लापरवाही बरतने का आरोप अस्पताल उपाधीक्षक एवं पुलिस ने परिजनों को समझा-बुझा कर मामले को कराया शांत जानकारी के अनुसार अस्पताल के मेल मेडिकल वार्ड में रविवार की सुबह सरिसवा बाजार निवासी प्रेम चौधरी की मौत इलाज के क्रम में हो गयी।

पश्चिम चंपारण, जासं । गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मेल मेडिसिन वार्ड में एक मरीज की मौत के बाद परिजन आक्रोशित हो गए। दोषी चिकित्सक के विरुद्ध कार्रवाई की मांग करने लगे। परिजनों का आरोप था कि समय पर चिकित्सक गायब थे। उनके मरीज की स्थिति बिगडऩे लगी, उस दौरान चिकित्सक उन्हें देखने नहीं आए। सूचना पर पहुंचे अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. श्रीकांत दुबे एवं पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हो सका। जानकारी के अनुसार अस्पताल के मेल मेडिकल वार्ड में रविवार की सुबह सरिसवा बाजार निवासी प्रेम चौधरी (45) की मौत इलाज के क्रम में हो गयी। मृतक के परिजन चिकित्सक के वार्ड में नहीं आने से खफा थे। परिजनों के आक्रोश को देख चिकित्सक मौके से चलते बने। अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. श्रीकांत दुबे ने मृतक के परिजनों को समझा बुझाकर मामला शांत कराया। उन्होंने कहा कि आपलोग आवेदन दीजिए। दोषी चिकित्सक के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। उसके बाद परिजन शांत हुए। परिजनों ने चिकित्सक पर कार्रवाई के लिए आवेदन भी दिया है। मृतक के पुत्र अजय चौधरी ने बताया कि सुबह में उनके पिता प्रेम चौधरी की तबीयत अचानक खराब हो गई। उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी। वे लोग उन्हें लेकर जीएमसीएच पहुंचे। इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक ने दवा लिखकर ऊपर वार्ड में जाने का आदेश दिया। वार्ड में आने पर नर्स ने चिकित्सक द्वारा लिखे गए इंजेक्शन को दिया। इंजेक्शन देने के बाद स्थिति खराब होने लगी। इसके बाद परिजनों ने चिकित्सक को बुलाने के लिए कहा। लेकिन चिकित्सक वार्ड में नहीं आए।
ऊपर नीचे लगाते रहे दौड़, नहीं पहुंचे डॉक्टर
प्रेम चौधरी की मौत के बाद नाराज परिजनों ने आरोप लगाया कि मरीज की स्थिति बिगडऩे पर वे ऊपर नीचे दौड़ लगाते रहे। पागलों की तरह भागते रहे लेकिन डॉ ...। डॉक्टर आए भी तो मरीज की मौत के बाद। नर्स व मृतक के परिजनों ने चिकित्सक को बुलाने का प्रयास किया। लेकिन नर्स के फोन करने के बाद भी ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक वार्ड में नहीं आए। इससे मृतक के परिजन भड़क गए। मृतक के भतीजा सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि चिकित्सक के नहीं आने के बाद वहां बोर्ड पर लिखे गए नंबरों पर फोन लगाया जा रहा था। लेकिन अस्पताल प्रशासन ने बोर्ड पर सभी फर्जी नंबरों को लिखा हुआ था। एक भी नंबर पर कॉल नहीं लगा। उसके बाद मरीज के परिजन मौके पर चिकित्सक को बुलाने व गरीब परिवार को मुआवजा देने की मांग करने लगे। सूचना मिलने पर नगर थाना के दारोगा संजय कुमार, जमादार पारस कुमार, पप्पु दुबे मौके पर पहुंचे। उनलोगों के समझाने पर भी परिजन नहीं मान रहे थे। वे लोग वरीय अधिकारियों को बुलाने की मांग कर रहे थे। नतीजतन अस्पताल उपाधीक्षक पहुंचे। उन्होंने परिजनों की शिकायत सुनी और दोषी के विरुद्ध कार्रवाई करने की बात कही उसके बाद परिजन शांत हुए।
प्राचार्य व अधीक्षक पहुंचे वार्ड, प्राप्त की जानकारी
अस्पताल में मरीज की मौत व हंगामा की जानकारी मिलने पर गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ विनोद प्रसाद व अधीक्षक डॉ प्रमोद कुमार तिवारी मेल मेडिकल पहुंचे। मरीज की मौत से संबंधित जानकारी तैनात कर्मियों से ली। मरीज कब आया था, कौन-कौन सी दवा चली थी? कब मौत हुई आदि की पड़ताल की।वहां तैनात नर्सो ने बताया कि मरीज को गंभीर स्थिति में लाया गया था। वहां मौजूद परिजनों ने भी अधिकारियों को बताया कि नर्स से कोई शिकायत नहीं है। शिकायत चिकित्सक से है, जो ड्यूटी से गायब थे। बुलाने पर भी नहीं आए। इस संबंध में प्राचार्य व अधीक्षक दोनों ने कहा कि वे स्वयं इस मामले की जांच करेंगे। मरीजों के इलाज में किसी स्तर पर लापरवाही बरतने वाले जिम्मेवार लोगों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।

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