सादपुरा में कपड़ा व्यवसायी की मौत पर बवाल, आगजनी
सड़क हादसे में कपड़ा व्यवसायी मो. इश्तेखार की मौत के बाद मंगलवार को आक्रोशितों ने काजीमोहम्मदपुर थाना के सादपुरा में जमकर बवाल किया।
मुजफ्फरपुर। सड़क हादसे में कपड़ा व्यवसायी मो. इश्तेखार की मौत के बाद मंगलवार को आक्रोशितों ने काजीमोहम्मदपुर थाना के सादपुरा में जमकर बवाल किया। आगजनी कर सड़क जाम कर दिया। मुआवजे को लेकर प्रदर्शन करने लगे। पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जाम से निकलने का प्रयास कर रहे ऑटो चालक और बाइक सवारों के साथ मारपीट की गई। हाथ में लाठी-डंडा से लैस होकर दर्जनों युवक सड़क पर उतर गए। सूचना मिलने पर काजीमोहम्मदपुर थाना के जमादार अजीत कुमार वर्मा दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। उग्र लोगों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन, कोई फायदा नहीं हुआ। करीब एक घंटे बाद थानाध्यक्ष मो. शुजाउद्दीन के साथ सदर थानाध्यक्ष मिथिलेश कुमार झा और क्यूआरटी की टीम भी पहुंची। आक्रोशितों ने पुलिस के साथ धक्का मुक्की भी की। इसके बाद अघोरिया बाजार चौक पर आगजनी कर सड़क जाम कर दिया। इससे मिठनपुरा और आमगोला का रास्ता पूरी तरह अवरुद्ध हो गया। मुआवजा मिलने पर हुए शांत : तीन घंटे से अधिक समय तक उग्र लोगों ने शव के साथ सादपुरा से लेकर अघोरिया बाजार तक जमकर प्रदर्शन व नारेबाजी की। स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मदद से सभी को किसी तरह समझाकर शांत कराया गया। मुशहरी सीओ ने पीड़ित परिवार को चार लाख रुपये मुआवजा राशि का चेक दिया। इसके बाद शव को सड़क पर से हटाया गया। कच्ची पक्की में हुई थी मौत :
सोमवार की सुबह कच्ची पक्की चौक पर सादपुरा के मो. इश्तेखार साइकिल पर कपड़ा लोड कर बिक्री करने जा रहे थे। इसी दौरान ट्रक की चपेट में आने से घायल हो गए थे। चालक ट्रक छोड़कर भाग गया। इलाज के क्रम में उन्होंने पटना स्थित एक अस्पताल में मंगलवार की सुबह दम तोड़ दिया। इससे आक्रोशित होकर लोगों ने सड़क जाम कर दिया। मृतक के भाई मो. इम्तेयाज के बयान पर सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। सदर थानाध्यक्ष ने बताया कि आरोपित ट्रक चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसकी पहचान सहरसा जिले के तेलवा थाना के मेहसीपुर के मो. शफीक के रूप में हुई है। पूछताछ के बाद उसे मंगलवार को जेल भेजा गया। चार बेटी और दो पुत्र को छोड़ गए : मृतक अपने पीछे पत्नी जहांआरा, चार पुत्री और दो पुत्र को छोड़ गए। पत्नी समेत सभी बच्चों का रो-रोकर हाल बेहाल था। स्थानीय लोगों ने बताया कि एक भी बच्चे की अबतक शादी नहीं हुई है। घर की पूरी जिम्मेवारी इश्तेखार के कंधों पर थी। पुत्री जीनत परवीन, शबनम, शाहजहां परवीन, इशरत, पुत्र मो. शाहिल और मो. इबरान पिता के शव से लिपटकर चीत्कार कर रहे थे। यह दृश्य देख पूरा इलाका गमगीन हो गया। पत्नी बदहवास होकर इधर से उधर से दौड़ रही थी। सभी लोग उसे समझाकर चुप कराने में लगे रहे।