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    Bihar News: मुजफ्फरपुर के निजी अस्पताल में दो मरीजों की मौत पर हंगामा और तोड़फोड़, सवा लाख का बिल बनाने पर भड़के परिजन

    Updated: Sun, 03 Mar 2024 06:00 AM (IST)

    बिहार के मुजफ्फरपुर में एक किशोर समेत दो मरीजों की मौत के बाद जूरन छपरा व मेहंदी हसन चौक स्थित निजी अस्पताल पर दोनों के स्वजन ने जमकर हंगामा किया। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। बताया गया कि जूरन छपरा के एक निजी अस्पताल में किशोर की मौत पर हंगामा हुआ। गाली-गलौच के बाद मामला मारपीट पर पहुंच गया।

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    दो मरीजों की मौत पर दो निजी अस्पतालों में हंगामा, तोड़फोड़। (सांकेतिक फोटो)

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। एक किशोर समेत दो मरीजों की मौत के बाद जूरन छपरा व मेहंदी हसन चौक स्थित निजी अस्पताल पर दोनों के स्वजन ने जमकर हंगामा किया। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। बताया गया कि जूरन छपरा के एक निजी अस्पताल में किशोर की मौत पर हंगामा हुआ। गाली-गलौच के बाद मामला मारपीट पर पहुंच गया।

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    अस्पताल कर्मी और मरीज के स्वजन आपस में भिड़ गए। पुलिस के सामने ही जमकर मारपीट हुई। पुलिस एक-दूसरे को अलग करने में लगी रही। देखते ही देखते तोड़फोड़ होने लगा। नियंत्रण के लिए अस्पताल का गेट बंद करना पड़ा। दोनों तरफ से जमकर लात घूंसे चले।

    करीब दो घंटे तक पूरे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल रहा। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने दोनो पक्षों को शांत कराया। सूचना पर नगर एएसपी भानु प्रताप सिंह दलबल के साथ मौके पर पहुंचे।

    इसके साथ हंगामा को देखते हुए ब्रह्मपुरा, सदर, अहियापुर, मिठनपुरा, नगर, काजीमोहम्मदपुर की पुलिस व क्यूआरटी पहुंची। अस्पताल से प्रबंधन और पीड़ित पक्ष ने बातचीत की। दोनो पक्षों को शांत कराया गया।

    पीड़ित के पिता ने बताई पूरी बात

    पीड़ित के पिता मुशहरी पहलादपुर गांव निवासी राकेश पासवान ने बताया कि उसके बेटे आयुष को हार्ट की समस्या थी। उसे जूरन छपरा स्थित एक अस्पताल लाया गया था। वहां कुछ लोग मिले। वे बहला कर दूसरे निजी अस्पताल लेकर गए। वहां किशोर को एडमिट करवा दिया।

    आरोप लगाया कि जब छानबीन की तो पता चला कि वह दलाल था। दो दिन तक मरीज से मिलने नहीं दिया गया। दो दिन बाद अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरीज से मिलने नहीं दिया जा रहा था। यह सुनकर गांव से अन्य स्वजन भी पहुंचे।

    उन्होंने जब जानकारी मांगी तो उसके बाद एक लाख 22 हजार का बिल दे दिया। विरोध करने पर गाली गलौच की गई। आरोप है कि घटना के बाद ब्रह्मपुरा थाना की पुलिस पहुंची। वहां उन्होंने ब्रह्मपुरा पुलिस को घटना की जानकारी दी, लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके कारण किशोर के शव को अस्पताल में ही रख लिया गया था। शनिवार को शव लेने के लिए पहुंचे स्वजन ने हंगामा किया।

    मेहंदी हसन चौक पर भी हंगामा

    वहीं मेहंदी हसन चौक पर एक निजी अस्पताल में सिकंदरपुर इलाके का एक मरीज भर्ती था। फेफडा संबंधी बीमारी से वह परेशान था। इलाज के बाद उसकी स्थिति सामान्य होने के बाद आइसीयू से जनरल वार्ड में रखा गया था। अचानक तबीयत खराब होने के बाद वेंटिलेटर पर रखा गया। इलाज के क्रम में मरीज की मौत हो गई।

    स्वजन दवा का दाम वापस करने के लिए हंगामा करने लगे। अंत में पुलिस की पहल पर अस्पताल प्रबंधन ने दवा के मद में राशि दी। उसके बाद मामला शांत हुआ। शव ले जाने के बाद वहां ओपीडी में इलाज चला।

    इस संबंध में दोनों पक्ष की ओर से कोई आवेदन पुलिस को नहीं दिया गया। ब्रह्मपुरा थानाध्यक्ष सुभाष मुखिया ने बताया कि दोनों मामले में स्वजन की ओर से किसी तरह का आवेदन नहीं आया है।

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