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    बिहार के रंगीन मिजाज प्रोफेसर के अजीबोगरीब शौक...देर रात लड़कियों को करता है फोन, अकेले घर पर बुलाता है

    By Ajit KumarEdited By:
    Updated: Wed, 03 Aug 2022 02:14 PM (IST)

    बिहार के रंगीन मिजाज प्रोफेसर की करतूत सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। अब विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसकी जांच आंतरिक शिकायत समिति को सौंपने का फैसला किया है। विभागाध्यक्ष की ओर से कुलपति को लिखे गए पत्र से मामले पर से हटा पर्दा।

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    जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर होगी कार्रवाई। प्रतीकात्मक फोटो

    दरभंगा, जासं। बिहार के दरभंगा स्थित ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर हिंदी विभाग के शिक्षक डा. अखिलेश कुमार के कुछ अजीबोगरीब शौक हैं। पढ़ने-पढ़ाने से हटकर वे देर रात छात्राओं को फोन कर गंदी बातें करते हैं। उनके चैट पर अपनी न्यूड फोटो डालते हैं। इतना ही नहीं यदि कोई छात्रा उनकी बातों को मानने से इंकार करती है तो उसे धमकाते हैं- मेरी बात नहीं मानोगी तो कोई नहीं बचाएगा। मैं तुम्हारा करियर बर्बाद कर दूंगा। उनकी हरकतों से परेशानी छात्राओं ने इस तरह क शिकायत हिंदी विभागध्यक्ष प्रो. राजेंद्र साह के पास की है। इसके बाद उन्होंने कुलपति व कुलसचिव को इस आशय का पत्र लिखा है।

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    • - ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर हिंदी विभाग के शिक्षक डा. अखिलेश कुमार पर लगे हैं गंभीर आरोप
    • - हिंदी विभाग के शिक्षक पर लगे शारीरिक शोषण के आरोपों की जांच करेगी आंतरिक शिकायत समिति
    • - कुलसचिव ने कहा- यूजीसी द्वारा यौन शोषण मामलों की जांच के लिए गठित समिति करेगी जांच, रिपोर्ट के बाद की जाएगी आगे की कार्रवाई
    • - आरोपित शिक्षक ने आरोपों को बताया बेबुनियाद, कहा- मैं शीघ्र करूंगा पूरे प्रकरण का पर्दाफाश, षडयंत्र के तहत मुझे फंसाया गया

    जांच का जिम्मा आंतरिक समिति को

    डा. अखिलेश कुमार पर लगाए गए शारीरिक एवं मानसिक शोषण के आरोप की जांच अब विश्वविद्यालय आंतरिक शिकायत समिति करेगी। मामले को लेकर कुलसचिव प्रो. मुश्ताक अहमद ने कहा कि शिक्षक पर लगाए गए आरोपों की जांच विवि स्तर पर यूजीसी द्वारा यौन शोषण मामलों के लिए बनाई गई आंतरिक जांच समिति में की जाती है। बता दें कि कार्यस्थल में महिलाओं का यौन उत्पीडऩ (रोकथाम निषेध एवं निवारण) अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के अनुसार यौन उत्पीडऩ के किसी शिकायत पर जांच प्राधिकरण के रूप कार्य करने तथा लैंगिक मुद्दे पर छात्रों, कर्मचारियों और संकाय सदस्यों को संवेदीकरण की दिशा में सकारात्मक उपाय लेने के लिए ही आंतरिक शिकायत समिति का गठन किया गया है। पूरे मामले को उक्त समिति में भेज दिया गया है। जांच प्रतिवेदन मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

    छात्राओं की शिकायत पर विभागाध्यक्ष ने लिखा पत्र

    स्नातकोत्तर हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. राजेंद्र साह ने शुक्रवार को कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह को पत्र लिख अपने ही विभागीय शिक्षक डा. अखिलेश कुमार पर कई गंभीर आरोप लगाए। विभागाध्यक्ष ने अपने पत्र में बताया है कि शिक्षक डा. अखिलेश कुमार विभागीय छात्राओं का शारीरिक एवं मानसिक शोषण करते हैं। नेट-जेआरएफ करा देने एवं अपनी ऊंची पहुंच के बदौलत प्रोफेसर बना देने के बहाने अपने घर बुलाते हैं। जहां अकेले का फायदा उठाते हुए छात्राओं का शारीरिक एवं मानसिक शोषण करते हैं। जिसकी शिकायत कई छात्राओं ने मुझसे की है।

    सभी का जल्द ही पर्दाफाश करूंगा

    छात्राओं का आरोप है कि शिक्षक ने बहाने से उनका नंबर ले लिया है। वे देर रात को फोन कर गंदी बातें करते हैं। अपनी न्यूड तस्वीर भेजते हैं। इसका विरोध करने पर अपना संबंध राज्यपाल से होने की बात कहते हुए करियर बर्बा करने की धमकी देते हैं। कई छात्राओं को अकेले ही घर आने को कहते हैं। इसकी वजह से छात्राएं दहशत में हैं। उनलोगों ने उनके क्लास का बहिष्कार कर रखा है। वहीं पूरे मामले को लेकर आरोपित शिक्षक डा. अखिलेश कुमार ने कहा कि मुझ पर बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं। इसमें कहीं से भी कोई सच्चाई नहीं है। जिन लोगों ने षड्यंत्र के तहत मेरी स्वच्छ छवि को खराब करने की कोशिश की है, उन सभी का जल्द ही पर्दाफाश करने वाला हूं।