Muzaffarpur News: SDM तो कभी DTO बनकर लगाते थे लाखों का चूना, पुलिस ने दो शातिरों को दबोचा; कार भी जब्त
बिहार के मुजफ्फरपुर में पुलिस ने दो शातिरों को गिरफ्तार किया है। वह कभी एसडीएम बनकर तो कभी परिवहन अधिकारी बनकर लोगों को चूना लगाते थे। पिछले साल इनके खिलाफ ठगी का मामला दर्ज हुआ था। गाड़ी छुड़वाने के एवज में आरोपियों ने एक युवक से एक लाख रुपये ऐंठ लिए थे। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दो शातिरों को दबोच लिया।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। नकली एसडीएम, डीटीओ और पुलिस की वर्दी पहनकर ठगी करने वाले गिरोह के दो शातिरों को गिरफ्तार किया गया है। इनके ठिकाने से एक कार व दो मोबाइल सेट जब्त किए गए हैं।
नगर एएसपी भानू प्रताप सिंह ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस गिरोह के द्वारा लोगों को झांसा देकर नकली एसडीएम, डीटीओ व पुलिस पदाधिकारी बताकर ठगी किया जाता है।
गिरफ्तार आरोपितों की पहचान सहरसा नौहट्टा के साहिडीह के रुपेश कुमार सिंह और वैशाली जिले के बेलसर के सोनू कुमार के रूप में हुई है। वर्तमान में सोनू अहियापुर के बाड़ा जगन्नाथ इलाके में रहता था।
इस गिरोह के बदमाश डीटीओ ऑफिस और एसडीएम ऑफिस आदि जगहों पर मंडराते रहते हैं। काम कराने आए लोगों को झांसे में लेकर ठगी करते हैं।
शातिरों ने गाड़ी छुड़वाने के नाम पर मांगा था एक लाख
विदित हो कि पिछले साल सुजावलपुर के श्याम कुमार ने नगर थाने में प्राथमिकी कराई थी। इसमें कहा था कि गाड़ी छुड़वाने के डीटीओ ऑफिस में गए थे।
वहां पर सोनू नामक व्यक्ति से उनकी मुलाकात हुई। उसने थाने में जब्त उनकी गाड़ी को छुड़वाने और ऑनर बुक, फिटनेस व बीमा करवाने के नाम पर उनसे एक लाख रुपये की मांग की थी।
उसने एक व्यक्ति से संपर्क करवाया। वह सहरसा का रहनेवाला रूपेश था। इनके साथ पुलिस की वर्दी पहने दो और लोग थे। एक लाख रुपये लेने के बाद इन लोगों ने काम नहीं करवाया तो उन्हें ठगी का पता चला। इसके बाद प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
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