Bihar News : मुजफ्फरपुर स्टेशन पर ट्रेनों में ‘सीट पाओ’ दौड... गरीबरथ समेत कई ट्रेनें लेट
मुजफ्फरपुर जंक्शन पर गरीबरथ एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनें घंटों देरी से पहुंचीं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी हुई। दिल्ली, पंजाब जाने वाले यात्री रात भर स्टेशन पर इंतजार करते रहे। मिथिला एक्सप्रेस में भीड़ के कारण यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। ट्रेनों में सीट पाने के लिए धक्का-मुक्की और मारामारी की स्थिति बनी रही।

मिथिला एक्सप्रेस ट्रेन में सीट पाने के लिए यात्री परेशान । जागरण
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर । सहरसा से अमृतसर जाने वाली गरीबरथ एक्सप्रेस सहित कई स्पेशल ट्रेनें काफी देर से मुजफ्फरपुर जंक्शन पर पहुंची। शाम सात बजे की गाड़ी रात को 12 बजे तक पहुंचने की स्टेशन से घोषणा की जा रही थी।
इस ट्रेन से दिल्ली, पंजाब, अमृतसर आदि जगहों पर जाने के लिए काफी संख्या में आए थे। यह ट्रेन सहरसा से दोपहर ढ़ाई बजे खुलती है, लेकिन रविवार की रात नौ बजे तक सहरसा से नहीं चली थी।
वहीं डाउन वाली 12204 गरीबरथ एक्सप्रेस सुबह पांच बजे के बदले दोपहर 12 बजे के बाद पहुंची। सात घंटे की देरी होने के कारण अप साइड की गाड़ी भी काफी लेट हो गई। इसके चलते जंक्शन पर यात्रीगण को इधर-उधर भटकना पड़ा।
वहीं रक्सौल से हावड़ा जाने वाली मिथिला एक्सप्रेस डेढ़ घंटे लेट होने से उक्त ट्रेन में यात्रियों को जबरदस्त भीड़ हो गई। इसके चलते यात्री परेशान हुए। वहीं 02564 नई दिल्ली-बरौनी स्पेशल ट्रेन साढ़े आठ घंटे की देरी से मुजफ्फरपुर पहुंची। इसके अलावा 05211, 04097, 13020 सहित कई अन्य ट्रेनें भी काफी लेट हो गई।
मिथिला एक्सप्रेस में चढ़ने के लिए आपाधापी
रक्सौल से हावड़ा जाने वाली मिथिला एक्सप्रेस रविवार को डेढ घंटे लेट मुजफ्फरपुर जंक्शन पर पहुंची। इस ट्रेन से जाने के लिए रविवार को काफी संख्या में यात्री आए थे। इसके कारण जंक्शन पर ठसा-ठस भीड़ हो गई। यात्री जंक्शन पर समय से पहले पहुंच गए थे, लेकिन डाउन से देरी से आने के कारण अप साइड से जाने में देरी हुई।
धक्का-मुक्की और मारामारी की स्थिति
बिहार से बाहर जाने वाले यात्रियों की भीड़ अभी भी कम नहीं हुई है। चुनावी सीजन के बाद भी स्टेशनों पर वहीं अफरातफरी का माहौल बना हुआ है। अधिकांश ट्रेनें फुल हैं, कई में लंबी वेटिंग है, जिस वजह से प्लेटफॉर्म पर सीट को लेकर धक्का-मुक्की और मारामारी की स्थिति बनी रहती है। मुजफ्फरपुर समेत कई बड़े स्टेशनों पर रोजाना भारी भीड़ रेलवे प्रशासन के लिए चुनौती बनी हुई है।

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