गजब! मुजफ्फरपुर में एक किलोमीटर की दूरी दो घंटे में पूरी, बजता रहा एंबुलेंस का सायरन
Muzaffarpur news ट्रैफिक व्यवस्था चौपट शहर की सभी सड़कों पर रहा भीषण जाम एक किमी जाने में लगे दो-दो घंटे। एंबुलेंस के साथ स्कूली बच्चे भी फंसे रहे दिनभर भगवान भरोसे रही व्यवस्था। जाम से निजात दिलाने की दिशा में यातायात थाने की ओर से नहीं बन रही ठोस रणनीति।

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। अव्यवस्था और अराजकता के कारण सोमवार को शहर में फिर भीषण जाम रहा। बारिश के बीच शहर की अधिकतर सड़कें और गलियां जाम रहीं। पूरे दिन लोग इससे जूझते रहे। सप्ताह का पहला दिन होने के कारण बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे जाम में फंसे रहे। कई एंबुलेंस भी फंसी रही। स्थिति यह रही कि एक किमी दूरी तय करने में दो-दो घंटे समय लगे। जाम से निजात के लिए नए रंगरूटों को सड़कों पर उतारा जरूर गया, मगर वे एक जगह खड़ा होकर बस लाठियां ही लहराते रहे। इससे जाम पर कोई असर नहीं पड़ा। कलमबाग, अघोरिया बाजार, जूरन छपरा, इमलीचटटी, कल्याणी, हरिसभा चौक, भगवानपुर, जीरोमाइल गोलंबर व अखाड़ाघाट इलाके में भीषण जाम रहा।
फंसी रही एंबुलेंस
अघोरिया बाजार व जूरन छपरा इलाके में दो एंबुलेंस फंसी रही। सायरन बजाने के बाद भी एंबुलेंस को रास्ता नहीं मिला। काफी मशक्कत के बाद एंबुलेंस को आगे का रास्ता मिला। हाईवे पर वाहनों की लगी कतार : इसके अलावा कच्ची-पक्की, रामदयालु, गोबरसही, भगवानपुर, चांदनी चौक व बैरिया गोलंबर इलाके में भी ट्रैफिक जाम से वाहनों की लंबी कतार लगी रही। हाईवे पर जाम छुड़ाने के लिए सदर व अहियापुर थाने की पुलिस को डंडे भांजने पड़े। इसके बाद आवागमन सुचारू हुआ। मालूम हो कि हर दिन ट्रैफिक जाम से जूझने के बाद भी निजात दिलाने की दिशा में यातायात थाने की ओर से ठोस रणनीति नहीं बनाई जा रही है। वहीं वरीय अधिकारियों को दिखाने के लिए कागजों पर आदेश तो जारी कर दिया जाता है, लेकिन पोस्टों पर सही से डयूटी करने के बाद बजाय जवान दूसरे काम में व्यस्त रहते हैं।
नो इंट्री में ट्रैक्टर का परिचालन
हर दिन भीषण ट्रैफिक जाम से शहरवासी जूझते रहते हैं। वहीं वरीय अधिकारियों के निर्देश के बाद भी नो इंट्री पर सख्ती से पालन नहीं कराया जा रहा है। नतीजा हर दिन अघोरिया बाजार, रामदयालु, मिठनपुरा आदि इलाकों में धड़ल्ले से मिटटी, बालू व सरिया लदा ट्रैक्टर का परिचालन होता रहता है। जबकि पोस्टों पर कहने के लिए पुलिस की तैनाती रहती है, लेकिन कार्रवाई नहीं की जाती है।
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