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    बिहार के बगहा में ग्रामीणों के लिए मुसीबत बना बाघ, वन विभाग की टीम से स्‍थानीय लोगों की झड़प

    By Dharmendra Kumar SinghEdited By:
    Updated: Fri, 23 Sep 2022 08:01 PM (IST)

    पश्‍चिम चंपारण में बाघ के लगातार हमले से दहशत में हैं ग्रामीण। एक बार फिर बाघ से बाल- बाल बचा एक चरवाहा इस घटना के बाद वन विभाग की टीम से ग्रामीणों ने नराजगी जताई। ग्रामीण एकजुट होकर हंगामा करते नहर आए।

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    पश्‍चिम चंपारण में एकजुट होकर वन विभाग टीम के खिलाफ हंगामा करते ग्रामीण। फोटो-जागरण

    बगहा पचं, जासं। वीटीआर के नरभक्षी बाघ ने शुक्रवार की शाम मवेशियों को चरा रहे एक चरवाहे पर हमले का प्रयास किया। हालांकि इस दौरान आसपास में मौजूद वन कर्मियों की टीम ने बाघ की ओर रुख किया और शोर मचाया तो बाघ वापस गन्ने की खेत में घुस गया। आक्रोशित ग्रामीणों की वन कर्मियों से झड़प हो गई। इस दौरान एक महावत को लाठी से हल्की चोट लगी। उसके बाद वन कर्मी जान बचाकर भाग निकले।

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    तरुअनवा गांव निवासी तेतर धांगड़ झिकरी नदी के सरेह में मवेशियों को चरा रहे थे। इसी दौरान गन्ने के खेत से बाघ निकल उनकी तरफ दौड़ा। दूर से बाघ को अपनी ओर आता देख चरवाहा शोर मचाने लगा। तक वनकर्मियों की टीम की नजर बाघ पर पड़ी और वन कर्मियों की टीम ने अपनी जान की परवाह न करते हुए बाघ की ओर दौड़े। तब जाकर बाघ वहां से भागा।

    तेतर धागंड ने बताया कि वह झिकरी नदी के सरेह में अपने मवेशियों को चरा रहा था। तभी गन्ने के खेत में छुपा बाघ निकल मुझ पर हमला करने के लिए दौड़ा। हालांकि मैंने शोर मचाया तो पास में बाघ को पकड़ने में लगी वनकर्मियों की टीम ने मेरी जान बचाई। इधर एक बार फिर से बाघ के हमले की खबर क्षेत्र में आग की तरह फैल गई। जिससे लोगों में भय का माहौल व्याप्त हो गया है।

    आक्रोशित ग्रामीणों की झड़प 

    वनकर्मियों की टीम बाघ को पकड़ने में जुटी थी। बाघ का लोकेशन जब झिकरी नदी के उस पार मिला तो वनकर्मियों की टीम हाथियों के साथ अपने पूरे लाव लश्कर को लेकर नदी के उस पार जाने की तैयारी करनी शुरू कर दी। इसी बीच बाघ नहीं पकड़े जाने से नाराज आक्रोशित ग्रामीणों ने वन कर्मियों से झड़प कर ली। ग्रामीणों का कहना था कि तीन दिनों से धैर्य का बांध टूटने लगा है। बाघ पकड़ा नहीं जा रहा और आज फिर बाहर निकल एक चरवाहे पर हमला किया था। अगर फिर से ऐसी कोई घटना घटेगी तो कौन जवाब दे होगा। वहीं दूसरी ओर हाथियों के साथ बैठे महावत और प्रशिक्षित वन कर्मियों की टीम ने ग्रामीणों को समझाने की काफी कोशिश की कि बाघ का लोकेशन झिकरी नदी के उस पार मिला है। जिसे हम लोग पकड़ने की कोशिश में जा रहे हैं, लेकिन ग्रामीणों ने एक न सुनी और उन पर हमला बोल दिए। हमले में हरि महावत को मामूली चोट लगी है। इधर ग्रामीणों को उग्र होता देख वन कर्मियों की टीम यहां-वहां भागने लगी और जैसे तैसे अपनी जान बचाई।