निलंबित ओटी सहायक की तीन वेतन वृद्धि पर रोक, एंटी रैबीज कालाबाजारी मामले में स्वास्थ्य विभाग ने की कार्रवाई
मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल के ओटी सहायक नीलेश कुमार को एंटी रैबीज वैक्सीन की कालाबाजारी के आरोप में तीन वेतन वृद्धियों से वंचित कर दिया गया है। दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर के बाद विभाग ने इस मामले पर संज्ञान लिया था। जांच में पाया गया कि नीलेश कुमार ने वैक्सीन की खरीद-बिक्री में अनियमितता की थी और दवा को अवैध रूप से हरियाणा भेजा गया था।

अमरेंद्र तिवारी, मुजफ्फरपुर। एंटी रैबीज वैक्सीन कालाबाजारी मामले में सदर अस्पताल के ओटी सहायक शल्य कक्ष सहायक नीलेश कुमार की तीन वेतन वृद्धियों पर रोक लगा दी गई है। विभाग के निदेशक प्रमुख रोग नियंत्रण, लोक स्वास्थ्य एवं पारा मेडिकल स्वास्थ्य सेवाएं डा.प्रमोद कुमार सिंह ने इसकी जानकारी अपने पत्र में दी है। इसमें कहा है कि यह कार्रवाई दैनिक जागरण में 16 मई, 2023 को प्रकाशित हरियाणा चली गई बिहार को मिली एंटी रैबीज दवा, ओटी असिस्टेंट गिरफ्तार" के प्रकाशन के बाद शुरू हुई। विभाग ने इस खबर पर संज्ञान लिया।
ओटी सहायक पर कार्रवाई के बाद विभाग मे खलबली मची हैं। जानकारी के अनुसार नीलेश कुमार को हरियाणा पुलिस ने 15 मई 2023 को गिरफ्तार किया था। उसी दिन उसे निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद विभागीय जांच प्रक्रिया शुरू हुई।
अपर निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डा.विरेश्वर प्रसाद को जांच पदाधिकारी और सिविल सर्जन, मुजफ्फरपुर को प्रस्तुतीकरण पदाधिकारी नामित किया गया। जांच रिपोर्ट में नीलेश कुमार के विरुद्ध आरोपों को प्रमाणित पाया गया। सामने आया कि बीएमसीआइएल द्वारा उपलब्ध कराए गए बैच नंबर P10049395 से आई एंटी रैबीज इम्यूनोग्लोब्यूलिन नामक दवा की खरीद-बिक्री और उपयोग में गंभीर अनियमितता की। 2394 वैक्सीन का उठाव किया।
इन वायल्स का उपयोग मरीजों पर दिखाया गया, मगर वे वैक्सीन बाद में हरियाणा में बरामद की गईं। इससे स्पष्ट होता है कि वैक्सीन को अवैध रूप से बाहर भेजा गया। इस गंभीर अपराध के प्रमाणित होने पर भी नीलेश कुमार को निलंबन से तो मुक्त कर दिया गया, लेकिन उन्हें दंडस्वरूप तीन वार्षिक वेतन वृद्धियों से वंचित किया गया है। अब उन्हें निलंबन के बाद मुंगेर के सदर अस्पताल में योगदान देना होगा।
निलंबन अवधि में उन्हें केवल जीवन यापन भत्ता ही दिया जाएगा। विभाग ने आदेश की प्रति सभी संबंधित अधिकारियों को भेजी है। हरियाणा जेल से निकलने के बाद नीलेश ने पहले सदर अस्पताल व उसके बाद बेतिया मेडिकल कालेज में जाकर योगदान किया। उसके बाद वहां से हटाकर उसे मुख्यालय में रखा गया।
जिस एंटी रैबिज इम्यूनोग्लोब्यूलिन इंजेक्शन की कालाबाजारी के आरोप में नीलेश पर कार्रवाई हुई है। वह इंजेक्शन थर्ड डिग्री बाइट के रूप में उपयोग किया जाता है। सदर अस्पताल के मेडिसिन विशेषज्ञ डा.एसके पांडेय ने बताया इसका उपयोग थर्ड डिग्री बाइट के रूप में किया जाता है।
जब कमर से ऊपर गर्दन, चेहरा, पेट में या शरीर के कई स्थान पर कुत्ता काटता है तो उसे थर्ड डिग्री बाइट कहा जाता है। ऐसे मरीज की स्थिति काफी गंभीर हो जाती है। मरीज की डेंजरस स्थिति होने पर उसे यह इंजेक्शन दिया जाता है। इस इंजेक्शन को देने से मरीज को तुरंत इंम्युनिटी हो जाता है।
जानकारी के अनुसार एंटी रैबीज वैक्सीन कालाबाजारी में हरियाण के प्रवीण कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वह दवा की आपूर्ति करने जा रहा था। बिहार वाली दवा होने पर उससे पूछताछ हुई। उसके बाद अनिरुद्ध गौड़ को गिरफ्तार किया। गौड़ ने पुलिस को बताया कि वह एक दवा कंपनी का एमआर है।
मुम्बई की उक्त दवा कंपनी बिहार के सरकारी अस्पतालों में कई तरह की दवाएं व वैक्सीन सप्लाई करती है। इसी सिलसिले में वह अक्सर मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल भी आता है। इसी दौरान उसकी जान-पहचान ओटी सहायक नीलेश से हुई थी, जिसके बाद वह सदर अस्पताल की दवा कालाबाजारी में बेचने लगा। इसके एवज में उसे बड़ी रकम मिली थी। गिरफ्तारी में नगर थाने की पुलिस ने सहयोग किया था।
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