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    शिवहर में कोरोना के तीन केस एक्टिव, 88 फीसद लोगों को लगी पहली डोज

    By Dharmendra Kumar SinghEdited By:
    Updated: Thu, 03 Mar 2022 02:59 PM (IST)

    Sheohar news कोरोना टीकाकरण में सूबे में तीसरे स्थान पर शिवहर 15 पार के 56 किशोरों का शत प्रतिशत टीकाकरण कोरोना संक्रमण से बचाव के ल‍िए गाइडलाइन का करें पालन। श‍िवहर ज‍िले में तेजी से चल टीकाकरण ।

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    कोरोना संक्रमण से बचाव के ल‍िए गाइडलाइन करें पालन। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

    शिवहर, जासं। कोरोना संक्रमण पर नकेल का मामला हो या फिर टीकाकरण का। सूबे का सबसे छोटे जिले शिवहर ने उल्लेखनीय कामयाबी हासिल की है। यहीं वजह हैं कि यह जिला सुर्खियों में रहा। वर्तमान में कोरोना टीकाकरण के मामले में सूबे में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। 4.48 लाख लोगों के टीकाकरण के लक्ष्य के विरूद्ध जिले में 3.95 लाख लोगों को पहला डोज लगाया जा चुका है। कुल 88 फीसद लोगों का टीकाकरण करने को लेकर यह जिला सूबे में तीसरे स्थान पर है। जबकि, 3.40 लाख लोगों को दोनों डोज देने को लेकर यह जिला सूबे में सातवें स्थान पर है।

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    15 पार के किशोरों के 50 हजार 89 के लक्ष्य के विरूद्ध 60 फीसद टीकाकरण कर बिहार में सातवे स्थान पर है। जबकि, 56 फीसद किशोरों का शत-प्रतिशत टीकाकरण कर पांचवें स्थान पर है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की सामूहिक पहल की बदौलत शिवहर जैसे पिछड़े इलाके में टीकाकरण को रफ्तार मिली है। अब मार्च महीने में शत-प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य तय किया गया है।

    डीपीएम पंकज कुमार मिश्रा ने बताया कि टीकाकरण का यह आंकड़ा रोज बदलता रहता है। बताया कि अबतक जिले के कुल 08 लाख 47 हजार 970 लोगों का कोराना जांच किया जा चुका है। जिले में कोरोना के कुल 04 हजार 710 मामले आए। इनमें 04 हजार 686 लोग स्वस्थ्य हुए। वर्तमान में जिले में तीन केस एक्टिव है। कहा कि लगातार जारी टीकाकरण अभियान की बदौलत शिवहर में कोरोना की तीसरी लहर का प्रभाव काफी कम दिखा। यहां दूसरे लहर में कोरोना का प्रभाव ज्यादा था। इधर, स्वास्थ्य विभाग की टीमें गांव-गांव और घर-घर जाकर लोगों का टीकाकरण कर रही है।

    दिव्यांगता प्रमाणपत्र के लिए लगा कैंप तो सिर्फ एक डाक्टर को लेकर हुआ हंगामा

    सीतामढ़ी। दिव्यांगता प्रमाणपत्र के लिए गुरुवार को डुमरा पीएचसी में दिव्यांगों ने चिकित्सकों की अनुपस्थिति को लेकर हंगामा खड़ा कर दिया। आक्रोशितों ने आरोप लगाया कि प्रमाणपत्र बनाने की तिथि तय कर दी जाती है लेकिन, समय पर चिकित्सक मौजूद नहीं रहते। प्रमाणपत्र बनाने को पीएचसी में सुबह नौ बजे से ही दिव्यांग पहुंचने लगे थे। 10 बजे के बाद जब चिकित्सकों के बारे में पता किया तो वहां मौजूद कर्मचारी कुछ जानकारी नहीं दे पाए। एक विशेषज्ञ चिकित्सक ङ्क्षप्रस कुमार पहुंचे। उन्होंंने काम शुरू किया। मगर, आवेदकों की काफी भीड़ थी। समय अधिक लगने की वजह से दिव्यांगों का धैर्य जवाब दे गया। कार्यालय के कर्मी भी ठीक ढंग से पेश नहीं आ रहे थे। सो, दिव्यांगों का गुस्सा भड़क उठा। कुछ संवाददाताओं ने ऑन ड्यूटी डाक्टर से सवाल किया तो उन्होंने लपककर मोबाइल छीनने का प्रयास किया।