सुविधा पास पर फर्जीवाड़ा करने वाले दोषियों की होगी पहचान, रेलवे बोर्ड ने लिया संज्ञान Muzaffarpur News
फर्जी तरीके से सुविधा पास पर कई टिकट बनाने वालों पर रेलवे बोर्ड ने संज्ञान लिया है। दो साल के बाद यह मामला उजागर हुआ है।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। सुविधा पास पर फर्जी तरीके से कई टिकट बनाने वाले दोषियों की पहचान होगी। इस मामले में रेलवे बोर्ड ने संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट भेजने के आदेश दिया है। फिलहाल सोनपुर मंडल के अधिकारी ने चीफ टीटीई रंजीत कुमार सिंह को ट्रेनों में ड्यूटी करने से हटा दिया है। उनको स्टेशन पर कार्य करने को कहा गया है। गुरुवार को प्रभारी मुख्य वाणिज्य निरीक्षक ने स्थानीय जंक्शन के आरक्षण कार्यालय के इंचार्ज से साक्ष्य मांगे। लेकिन नहीं मिले।
दो साल बीत जाने से आरक्षण कार्यालय में आरक्षित टिकट बनवाने वाला फॉर्म मौजूद नहीं है। इसके बाद स्टेशन कार्यालय से निर्गत पास वाली रसीद पर रिसीव करने वाले कर्मी की लिस्ट तैयार की जा रही है। ट्रेन से सफर करने के दौरान टिकट जांच करने वाले टीटीई की भी खोज हो रही है। उनसे भी पूछताछ होने की उम्मीद है।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2017 में स्लीपर कोच में कार्यरत चीफ टीटीई ने पास निर्गत कराया था। इसके बाद टिकट बनाया था। इसी पास नंबर पर एक के बाद एक टिकट जारी होते रहे। काउंटर पर आरक्षण पर्यवेक्षक ने पास पर टिकट नंबर अंकित नहीं किया। मुख्यालय ने पास पर जारी टिकट के नंबर जांच की। इसपर मामला पकड़ में आया।
इस बारे में हाजीपुर पूमरे सीपीआरओ राजेश कुमार ने कहा कि एक पास पर मुजफ्फरपुर एवं अन्य जगहों से कई टिकट बनवाया है। इसमें कई कर्मियों की संलिप्तता है। इसकी जांच कर दोषी की पहचान की जा रही है।
रेलकर्मियों के सिक सर्टिफिकेट की होगी जांच
रेलवे के सीनियर डॉक्टर की टीम रेल अस्पतालों से दीपावली और छठ के दौरान जारी रेल कर्मियों के जारी सिक सर्टिफिकेट की जांच करेगी। जानकारी के अनुसार पूर्वोतर-सीमांत रेलवे के एक कर्मचारी के द्वारा जमा सिक सर्टिफिकेट पर संदेह होने पर जांच की गई तो वह फर्जी निकला था। इसके बाद रेल डॉक्टरों की टीम इन सर्र्टिफिकेट की जांच के लिए तैनात की गई है। बोर्ड के आदेश पर सभी रेल अस्पतालों में जांच की जाएगी।
पूर्व मध्य रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि पूर्वोतर सीमांत रेलवे के कर्मियों को फर्जी सिक सर्टिफिकेट जमा करने का मामला सामने आया है। बोर्ड के आदेश पर सभी रेल अस्पताल में जांच की जाएगी। डॉक्टरों से भी सिक जारी करने वाले सर्टिफिकेट का आंकड़ा मांगा गया है। फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने वाले की तलाश जारी है।
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